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भविष्य में धरती पर आ सकता है बड़ा सौर तूफान: संगीता

कैलिफोर्निया: भविष्य में ऐसा सौर तूफान आ सकता है, जिससे पूरी धरती पर या धरती के कुछ खास हिस्सों में इंटरनेट ठप हो सकता है. ऐसा होने पर विभिन्न देशों की इकॉनॉमी पूरी तरह मुंह के बल गिर जाएगी और कई देश पूरी तरह कंगाल हो जाएंगे. यह चेतावनी जारी की है यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की शोधकर्ता संगीता अब्दू ज्योति ने.

इंस्टा बंपर की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय मूल की शोधकर्ता संगीता अब्दू ज्योति ने सौर तूफान के ऊपर स्टडी की है. उन्होंने रिसर्च में कहा कहा है कि भविष्य में एक ऐसा भयावह सौर तूफान आएगा, जिससे धरती पर इंटरनेट प्रलय आ सकता है. यानी पूरी दुनिया का इंटरनेट बंद हो सकता है.

स्टडी के अनुसार इस सौर तूफान का असर समुद्रों में फैली इंटरनेट केबल पर पड़ सकता है. ये केबल दुनिया के अलग-अलग देशों को आपस में जोड़ते हैं. इन समुद्री केबल में करंट के बहाव को बनाए रखने के लिए रिपीटर्स लगे होते हैं. वे सौर तूफान के प्रति बेहद संवेदनशील होते हैं.

सौर तूफान आने पर इन रिपीटर्स की हालत खराब हो सकती है. ये फेल भी हो सकते हैं. ऐसे में केबल में करंट बंद होते ही दुनियाभर में इंटरनेट नेटवर्क ऑफलाइन हो जाएगा. इसका असर फाइबर ऑप्टिकल से जुड़े देशों के इंटरनल इंटरनेट तक पहुंच सकता है और वह ढह सकता है.

रिपोर्ट कहती है कि सौर तूफान जब आते हैं तो इलेक्ट्रिकल ग्रिड्स को नुकसान पहुंचा देते हैं. जिसकी वजह से बड़े इलाकों में अंधेरा हो जाता है. इनका असर इंटरनेट प्रणाली पर भी पड़ता है. इंटरनेट बंद होने से की देशों की अर्थव्यवस्था, संचार प्रणाली, डिफेंस, टेलिकॉम जैसे सेक्टरों के पहिये थम सकते हैं. इससे उन देशों की इकोनॉमी मुंह के बल नीचे गिर पड़ेगी. इससे होने वाले नुकसान का अंदाजा लगाना भी मुश्किल है.

रिसर्चर संगीता ज्योति कहती हैं कि सबसे बड़ा डर ये है कि हमारे पास सौर तूफान और उससे पड़ने वाले असर को लेकर डेटा बहुत कम है. इसलिए हम ये अंदाजा नहीं लगा सकते कि नुकसान कितना बड़ा होगा. दुनिया में सबसे भयावह सौर तूफान 1859, 1921 और 1989 में आए थे. इनकी वजह से कई देशों में बिजली सप्लाई बाधित हुई थी. ग्रिड्स फेल हो गए थे. कई राज्य घंटों तक अंधेरे में थे.

वे कहती हैं कि चिंता की बात ये है कि दुनिया के किसी भी वैज्ञानिक के पास सौर तूफान को मापने या उससे होने वाले असर की भविष्यवाणी करने वाली कोई प्रणाली नहीं है. हमें नहीं पता कि कोई भयावह सौर तूफान आता है तो उसका हमारे पावर ग्रिड्स, इंटनरेटन प्रणाली, नेविगेशन और सैटेलाइट्स पर क्या और कितना असर पड़ेगा.
टिकैत ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में किसान का सेब 20 से 22 रुपये तक बिक रहा है, वहीं बड़े-बड़े गोदाम वाले 100 से 150 रुपये में सेब बेच रहे हैं. हिमाचल में बड़े-बड़े उद्योगपतियों ने गोदाम बना रखे हैं जो सस्ते में सेब खरीदकर उसमें जमा करते हैं और फिर महंगे रेटों पर आगे बेचते हैं.

राकेश टिकैत ने कहा कि जिस तरह से असम में चाय बागानों के किसानों को उद्योगपतियों ने बर्बाद किया है उसी तरह से अब हिमाचल के किसान बर्बाद होंगे. किसान का गेहूं बिकता है 20 रुपये में और मॉल में आटा 87 रुपये किलो मिलता है. किसान का बाजरा बिकता है 12 रुपये किलो और आटा 60 रुपये किलो मिलता है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से देश में गोदाम बनाए जा रहे हैं, उनसे देश के हालात और भी ज्यादा खराब होने वाले हैं.
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