लखनऊ :यूपी के विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को दी गई नौकरियां चुनावी हथियार बनेगा। राज्य सरकार अपनी उपलब्धियों में बताएगी कि पिछले साढ़े चार सालों में एससी और ओबीसी युवाओं को कितनी नौकरियां दी गईं। यूपी में इन दोनों वर्गों का बड़ा वोट बैंक है। इन जातियों के मतदाताओं ने जिनका साथ दिया उनका बेड़ा पार होता रहा है।
राज्य सरकार के अधीन आने वाले सभी विभागाध्यक्षों को पत्र भेजकर उनके अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को दी गई नौकरियों के बारे में जानकारी मांगी गई है। विभागाध्यक्षों से पूछा गया है कि समूह क, ख, ग व घ वर्ग में कितने युवाओं को नौकरियां दी गई हैं। यह ब्योरा निर्धारित प्रारूप पर मांगा गया है।
विभागों से यह भी पूछा गया है कि इसके अलावा उनके यहां इन वर्गों के कितने पद रिक्त हैं और इन पदों को भरने की दिशा में क्या हो रहा है। विभागीय स्तर पर इसका ब्योरा जुटाने का काम शुरू हो गया है। राज्य सरकार अब तक प्रदेश में विभिन्न वर्गों के 4.15 लाख युवाओं को नौकरियां दे चुकी है।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग जल्द ही 25 हजार पदों पद भर्ती प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। राज्य सरकार ने बेरोजगारी को दूर करने का पूरा प्रयास किया है। इसी कड़ी में यह अब बताने की तैयारियां है कि एससी और ओबीसी वर्ग के कितने लोगों को नौकरियां दी गई हैं।
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