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आजम खां का सपा कार्यालय सील, स्कूल को भी करवाया जा रहा खाली; जानिए पूरा मामला

प्रशासन ने सपा कार्यालय और रामपुर पब्लिक स्कूल को सील कर दिया है। शिक्षा विभाग की जमीन में बने जौहर ट्रस्ट की लीज योगी सरकार ने खत्म कर दी थी। इसके बाद यह कार्रवाई की गई है।

रामपुर प्रशासन ने रामपुर पब्लिक स्कूल के साथ ही समाजवादी पार्टी के दफ्तर को भी सील दिया गया। प्रशासनिक टीम ने शुक्रवार सुबह रामपुर पब्लिक स्कूल पहुंची। इसके बाद स्कूल की छुट्टी कर दी गई। अफसरों ने पूरे इलाकों का दौरा किया। वहां मौजूद कर्मचारियों ने सामान को समेटने के साथ उसे शिफ्ट करना शुरू कर दिया गया।
शाम करीब चार बजे सपा दफ्तर भी सील कर दिया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में अफसर मौजूद रहे। सपा कार्यालय को सील करने के दौरान उनकी कार्यकर्ताओं से बहस भी हुई। इससे माहौल गर्मा गया। समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां के कब्जे से शिक्षा विभाग की जमीन को मुक्त कराने की मोहलत गुरुवार को खत्म हो गई थी। स्कूल की ओर से मोहलत की अवधि बढ़ाए जाने की मांग की गई लेकिन प्रशासन ने इनकार कर दिया।

इसके बाद रामपुर पब्लिक स्कूल (आरपीएस) का फर्नीचर और अन्य सामान हटाए जाने का काम शुरू कर दिया गया था। शुक्रवार को स्कूल के साथ ही सपा कार्यालय को सील करने के लिए प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची। इसके बाद स्कूली छात्राओं को छुट्टी दे दी गई। इससे पहले बृहस्पतिवार को जिला विद्यालय निरीक्षक और बीएसए आरपीएस पहुंचे और स्कूल के सामान की शिफ्टिंग का जायजा लिया।

प्रदेश कैबिनेट की 31 अक्तूबर को हुई बैठक में जौहर ट्रस्ट को 30 साल की लीज पर आवंटित शिक्षा विभाग की 41181 वर्ग फुट की जमीन की लीज को खारिज कर दिया था। कैबिनेट से इस फैसले का प्रस्ताव पारित होने के बाद अब इस संबंध में पिछले सप्ताह विस्तृत आदेश जारी कर दिया था।

अपर मुख्य सचिव के आदेश के बाद जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने मुख्य विकास अधिकारी नंद किशोर कलाल की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी, जिसके बाद जिला विद्यालय निरीक्षक मुन्ने अली ने जौहर शोध संस्थान के प्रबंधक को दो नंबबर को नोटिस भी जारी कर दिया था।
क्या है मामला
सपा सरकार में आजम खां के मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को शिक्षा विभाग की 41181 वर्ग फुट जमीन 30 साल की लीज पर दी गई थी, जिसके बाद यहां से जिला विद्यालय निरीक्षक के दफ्तर को खाली कराया गया था और फिर इस भवन में ट्र्स्ट की ओर से रामपुर पब्लिक स्कूल का संचालन किया जाने लगा। भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने इस मुद्दे को उठाया था। साथ ही शासन से भी इस मामले की शिकायत की थी,जिसके बाद शासन से लेकर प्रशासन तक एक्टिव हो गया था। डीएम की रिपोर्ट के बाद शासन ने दो दिन पहले कैबिनेट की बैठक में इस जमीन को वापस लेने का फैसला लिया था।