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कैबिनेट की बैठक के एजेंडे में शामिल हुई डीए की फाइल

पिछले साल केंद्रीय कैबिनेट ने 28 सितंबर को डीए की दरों में चार फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा की थी। चूंकि गत वर्ष 24 अक्तूबर को दीवाली थी, इसलिए सरकार ने सितंबर के आखिरी सप्ताह में डीए/डीआर की घोषणा थी। इस बार 24 अक्तूबर को दशहरा है और दीवाली 12 नवंबर की है…
केंद्र सरकार के कर्मियों के लिए बड़ी खबर है। वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद अब डीए की फाइल, केंद्रीय कैबिनेट के पास पहुंच गई है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने जा रही केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के एजेंडे में डीए वृद्धि की फाइल भी शामिल हुई है। सरकार के सूत्रों का कहना है, कैबिनेट की बैठक में महंगाई भत्ते/महंगाई राहत की दरों में 4 फीसदी की वृद्धि हो सकती है। अगर कैबिनेट में डीए बढ़ोतरी की फाइल को मंजूरी मिलती है, तो दीपावली से पहले कर्मियों और पेंशनरों को अक्तूबर की सेलरी में डीए/डीआर की दरों में बढ़ोतरी का असर नजर आएगा।
पिछले साल केंद्रीय कैबिनेट ने 28 सितंबर को डीए की दरों में चार फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा की थी। चूंकि गत वर्ष 24 अक्तूबर को दीवाली थी, इसलिए सरकार ने सितंबर के आखिरी सप्ताह में डीए/डीआर की घोषणा थी। इस बार 24 अक्तूबर को दशहरा है और दीवाली 12 नवंबर की है। ऐसे में बुधवार को होने जा रही कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। लगभग एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों को पहली जुलाई से चार फीसदी डीए वृद्धि की सौगात मिलेगी। पिछले दिनों राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) स्टाफ साइड की बैठक में भी यह मुद्दा उठा था। केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले साल 28 सितंबर को डीए की दरों में चार फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा की थी। केंद्र सरकार के कर्मियों और पेंशनरों को दीपावली से पहले महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत का तोहफा मिल गया था। वह भत्ता पहली जुलाई 2023 से जारी हुआ था। उस वक्त 34 फीसदी की दर से मिल रहा महंगाई भत्ता, 38 फीसदी हो गया था। उसके बाद जनवरी 2023 से उक्त भत्ते में दोबारा से चार फीसदी की वृद्धि हो गई। मौजूदा समय में महंगाई भत्ता, 42 फीसदी की दर से मिल रहा है।

जुलाई में सीपीआई की दर 7.44 फीसदी रही है

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई 2023 (अनंतिम) में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र को मिलाकर महंगाई के अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) की दर 7.44 फीसदी रही है। जून 2023 (अंतिम) में संयुक्त सीपीआई दर 4.87 फीसदी थी। जुलाई 2022 में यही संयुक्त दर 6.71 फीसदी थी। जुलाई 2023 (अनंतिम) में उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) की संयुक्त दर 11.51 थी, जबकि जून 2023 (अंतिम) में संयुक्त सीएफपीआई दर 4.55 फीसदी थी। जुलाई 2022 में संयुक्त सीएफपीआई दर 6.69 फीसदी थी।