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चार साल में आजम खां के हाथ से फिसल गया तीसरा स्कूल, जानिए पूरा मामला

रामपुर से 10 बार विधायक, चार बार मंत्री, एक-एक बार लोकसभा और राज्यसभा सांसद रहे आजम खां ने सपा शासन में जौहर यूनिवर्सिटी बनवाई। वहीं दूसरी ओर जौहर ट्रस्ट के माध्यम से शहर में चार स्थानों पर बच्चों के लिए रामपुर पब्लिक स्कूल भी खोले। मगर, से सभी स्कूल सरकारी भवन और जमीन पर ही संचालित किए जाने लगे। पिछले चार साल में आजम खां के हाथ से एक-एक करके तीसरा स्कूल भी चला गया।

सीतापुर की जेल में बंद सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां के हाथ से एक-एक करके तीसरा स्कूल भी चला गया। उनका निर्माणाधीन चौथे स्कूल का भवन भी विवादों के घेरे में है। चौथे स्कूल का भवन भी विवादों के घेरे में है। आजम ने ये चारों स्कूल सरकारी भवनों और जमीन को लीज पर लेकर बनवाए थे।

रामपुर से 10 बार विधायक, चार बार मंत्री, एक-एक बार लोकसभा और राज्यसभा सांसद रहे आजम खां ने सपा शासन में जौहर यूनिवर्सिटी बनवाई। वहीं दूसरी ओर जौहर ट्रस्ट के माध्यम से शहर में चार स्थानों पर बच्चों के लिए रामपुर पब्लिक स्कूल भी खोले। मगर, से सभी स्कूल सरकारी भवन और जमीन पर ही संचालित किए जाने लगे।

करोड़ों रुपये से तैयार सरकारी भवनों को महज सौ-सौ रुपये सलाना किराया देकर इन भवनों को लीज पर ले लिया गया। इसके बाद लीज की शर्तों का उल्लंघन करके सपा शासन में चार स्कूल बनाए गए थे, लेकिन तीन ही चालू हो सके थे।

मगर, सरकार बदलने के बाद जब सपा नेता आजम खां की मुश्किलें बढ़ीं तो उनके द्वारा कब्जाई गईं जमीनों पर संकट के बादल मंडराने लगे। 2019 में आजम के पान दरीबा स्थित राजकीय ओरियंटल कॉलेज (मदरसा आलिया) के भवन में संचालित रामपुर पब्लिक स्कूल (किड्स स्कूल) पर ताले डाल दिए गए। इस स्कूल को खाली कराने के दौरान काफी हंगामा भी हुआ था। इस स्कूल के सील होने के बाद भवन को मदरसा आलिया के ही सुपुर्द कर दिया गया था।

इसके बाद मार्च 2023 में नई तहसील के पास स्थित जौहर शोध संस्थान के पास बने रामपुर पब्लिक स्कूल (बॉयज विंग) भवन सरकार ने छीन लिया। यह स्कूल भी सरकारी जमीन पर बना था। यह भवन अल्पसंख्यक विभाग के पास आ चुका है। इसी तरह अब रामपुर पब्लिक स्कूल (गर्ल्स विंग्स) भी छिन गया। यह स्कूल माध्यमिक शिक्षा विभाग की जमीन पर चल रहा था। इसे भी सपा शासन में तीस साल की लीज पर दिया गया था।

महज सौ रुपये सालाना के किराए पर चल रहे भवन को शुक्रवार को सील कर दिया गया। इस तरह चार साल में तीसरा स्कूल आजम के हाथ से चला गया। आजम के यतीमखाना बस्ती में बने चौथे स्कूल का भवन भी विवादों में है।

इसका मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। आरडीए इस पर कार्रवाई कर चुका है। हालांकि, इस स्कूल में आरपीएस बॉयज विंग के बच्चों की पढ़ाई कराई जा रही है। मगर, यह भवन भी कभी प्रशासन व शासन के निशाने पर आ सकता है।

सुबह से खामोश थे अफसर, शाम को सपा कार्यालय पर भी कर दी कार्रवाई 

इसे प्रशासन की रणनीति कहें या फिर कुछ और, लेकिन हकीकत यह है कि सपा कार्यालय खाली कराने के लिए अफसर दिन भर गोलमोल जवाब देते हुए नजर आए। हालांकि, शाम पांच बजे प्रशासन एक्शन मोड में आ गया और सपा दफ्तर पर ताले लगा दिए। इससे पहले सपाई पूरी तरह निश्चिंत नजर आ रहे थे कि उनका दफ्तर बच जाएगा।

कार्यालय पर कार्रवाई शुरू हुई तो सपाइयों ने विरोध किया, लेकिन बाद में पीछे हट गए और प्रशासन ने सपा कार्यालय पर सील लगा दी।यूपी सरकार ने जौहर ट्रस्ट को दी गई लीज को समाप्त कर दिया था, जिसके बाद प्रशासन ने जौहर ट्रस्ट के प्रबंधक को नोटिस जारी कर जमीन को सात दिन में खाली करने को कहा था।

इस नोटिस के बाद से आरपीएस में तो हलचल तेज हो गई थी, लेकिन सपाई दावा करते रहे कि इस नोटिस का सपा दफ्तर (दारुल आवाम) से कोई मतलब नहीं है। प्रशासन भी इसको लेकर असमंजस में नजर आया। शुक्रवार को जब अफसर पहुंचे तो पहले तो दिन भर रामपुर पब्लिक स्कूल को खाली कराने में लगे रहे। मगर, सपा दफ्तर को खाली करने के सवाल पर अफसर टालमटोल करते हुए नजर आ रहे थे।

शाम होते ही अचानक पुलिस व प्रशासनिक अफसरों की गतिविधियां बढ़ने लगीं। कुछ ही देर में तोपखाना रोड स्थित स्कूल को सील कर दिया और पुलिस बल को आगे बढ़ा दिया गया। अफसर सपा दफ्तर की ओर बढ़े तो कुछ सपाई ही दफ्तर में थे।

अफसरों ने दफ्तर को खाली करने को कहा जिस पर सपाइयों की तकरार हुई। सपाइयों का दावा था कि जौहर ट्रस्ट से सपा कार्यालय का का कोई मतलब नहीं है। मगर, उनकी दलील अफसरों के सामने नहीं चली। सपाइयों की दलील को प्रशासन ने खारिज करते हुए उनको बाहर कर दिया और दफ्तर को सील कर दिया।

प्रशासन ने सामान निकालने तक का नहीं दिया समय : जिलाध्यक्ष

समाजवादी पार्टी दफ्तर में ताले लगने के बाद पार्टी के निवर्तमान जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि दफ्तर को बिना नोटिस दिए बंद किया गया है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को भेज दी है। कहा कि समाजवादी पार्टी कार्यालय को जब सील किया गया उस समय नए वोटर बनाने काम चल रहा था।

पार्टी कार्यालय की जमीन को लेकर कोई विवाद नहीं है। इसके कागज भी दिखाए गए। उसके बाद भी पार्टी कार्यकर्ताओं को बाहर निकालकर कार्यालय सील कर दिया गया। कार्यालय में नई वोटर लिस्ट और जो फॉर्म आदि थे बंद हो गये। उन्हें निकालने का समय भी नहीं दिया, न ही पहले कोई नोटिस दिया गया था।

जेल में बंद हैं आजम खां

बेटे अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के मामले में आजम खां सीतापुर जेल में सात साल की सजा काट रहे हैं। आजम के साथ उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला को भी सात-सात साल की सजा हुई है। अब्दुल्ला हरदोई और तजीन फात्मा रामपुर जेल में बंद हैं।

रातोंरात लगाया था सपा कार्यालय का बोर्ड

शिक्षा विभाग की जमीन को खाली कराने का नोटिस प्रशासन ने एक नवंबर को ही जारी कर दिया था। इस नोटिस जारी होने के बाद शिक्षा विभाग की जमीन पर ही स्थित दारुल आवाम (सपा दफ्तर) के गेट के बाहर दो दिसंबर की रात में समाजवादी पार्टी कार्यालय रामपुर का बोर्ड लगा दिया गया था।

बोर्ड लगते ही पुलिस भी एक्टिव हो गई थी। इस बोर्ड पर पुलिस की भी नजर पड़ी थी, जिसके बाद कुछ ही घंटो बाद यहां लगाया गया बोर्ड को भी हटा दिया गया था। सपाइयों का कहना था कि शिक्षा विभाग की जमीन से सपा कार्यालय का कोई मतलब नहीं है।