प्रदेश में दो लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को उप्र एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) की बोर्ड बैठक में मंजूरी दे दी गई। इसे बनाने के लिए कंपनियों को फाइनल कर दिया गया है। दो साल के अंदर दोनों लिंक एक्सप्रेसवे तैयार हो जाएंगे।
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए लिंक एक्सप्रेसवे को मंजूरी मिल गई है। इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की डीपीआर और परियोजना विकास के लिए तीन कंपनियों ने आवेदन किया था। एमएसवी इंटरनेशनल ने परामर्श शुल्क के रूप में 4.87 लाख रुपये प्रति किमी की मांग की थी। एमएस पार्क फ्यूचेरिस्टिक ने 1.50 लाख रुपये और पायनियर इंफ्रा ने 1.75 लाख रुपये प्रति किमी का आवेदन किया था। सबसे कम बिडर के रूप में ये जिम्मेदारी एमएस पार्क को दी गई।
इसी तरह चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे की प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट और डीपीआर को लेकर भी मंजूरी दी गई। इस एक्सप्रेसवे के लिए तीन विकल्प दिए गए थे। मात्र दो कंपनियों के आवेदन आए थे। इसलिए बिड को पहले निरस्त कर दिया गया था। पिछले साल सितंबर में पुन: आवेदन मांगे गए थे लेकिन केवल एक कंपनी ने रुचि दिखाई। फिर तारीख बढ़ाई गई और तीन निविदाएं यूपीडा को मिलीं। इनमें से एमएसवी इंटरनेशनल ने 3.76 लाख रुपये प्रति किलोमीटर खर्च पर आवेदन किया।
रेडीकॉन इंडिया ने 1.10 करोड़ रुपये का टेंडर भरा। मेधाज टेक्नो ने 5.25 लाख रुपये का टेंडर दाखिल किया। एमएसवी को चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे की डीपीआर की जिम्मेदारी दी गई। इसके अलावा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे ट्रैफिक बढ़ने के साथ छह लाइफ सपोर्ट एडवांस एम्बुलेंस चौबीस घंटे तैनात करने पर फैसला लिया गया। वहीं, फर्रुखाबाद होते हुए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को गंंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए प्रस्तावित ग्रीनफील्ड लिंक एक्सप्रेसवे को भी मंजूरी दे दी गई थी। इसकी डीपीआर एक वर्ष के अंदर तैयार होगी और जल्द काम शुरू होगा।
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