नई दिल्ली: दुनिया में ऐसी कई चीजें हैं, जिनके बारे में हमारी जानकारी जीरो है. इनमें से कुछ चीजें तो गजब कीमती हैं लेकिन इंसानों के लिए उतना ही बड़ा खतरा भी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोलकाता एयरपोर्ट से भारी मात्रा में रेडियोएक्टिव पदार्थ कब्जे में लिया गया है. इसका नाम कैलिफोर्नियम है और यह बहुत खतरनाक माना जाता है.
कैलिफोर्नियम की खासियत है कि यह प्राकृतिक तौर पर तैयार नहीं होता है. इसे लैब में सिंथेसाइज करके बनाया जाता है. यह उन ट्रांसयूरेनियम एलिमेंट्स में से एक है, जिन्हें बस उतनी मात्रा में बनाया गया है कि खुली आंखों से नजर आ सकें. यह चांदी के रंग जैसा होता है और 900 डिग्री सेल्सियस पर पिघलता है. अपने प्योर फॉर्म में यह इतना मुलायम होता है कि इसे आसानी से ब्लेड तक से काटा जा सकता है.
कैलिफोर्नियम आसानी से मिलने वाला पदार्थ नहीं है. इसका इस्तेमाल पोर्टेबल मेटल डिटेक्टर्स में किया जाता है. किसी न्यूक्लियर रिएक्टर को स्टार्ट करने में भी इसकी मदद ली जा सकती है. सिर्फ यही नहीं, सोने और चांदी की खदानों की पहचान करने के लिए भी कैलिफोर्नियम का इस्तेमाल किया जाता है.
कैलिफोर्नियम दुनिया के उन कुछ रेडियोएक्टिव पदार्थों में शामिल है, जिनकी कीमत आम लोगों की जिंदगी भर की कमाई से भी बहुत ज्यादा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें, 250 ग्राम यानी पाव भर कैलिफोर्नियम की कीमत लगभग 4 हजार 250 करोड़ रुपये होती है.
जहरीले भोजन या ड्रिंक के सेवन से कैलिफोर्नियम इंसान के शरीर के अंदर घुस सकता है. रेडियोएक्टिव हवा में सांस लेने से भी इसके कण शरीर में जा सकते हैं. शरीर में पहुंचने के बाद खून में यह केवल 0.05% ही मिलता है. करीब 65% कैलिफोर्नियम कंकाल में जमा हो जाता है, 25% लिवर में और बाकी अन्य अंगों में या फिर बाहर भी निकल सकता है. कंकाल में जमा कैलिफोर्नियम 50 साल और लिवर का कैलिफोर्नियम 20 साल में निकल पाता है. लगातार रेडिएशन के संपर्क में रहने पर कैंसर भी हो सकता है.
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