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जानिए डायबिटीज में योग किस प्रकार से है फायदेमंद..

डायबिटीज बीमारी में शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाती जिसकी वजह से ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ने लगता है। वैसे तो डायबिटीज के पीछे खानपान की गलत आदतें, बढ़ती उम्र, फिजिकल एक्टिविटीज में कमी जैसे कई कारण हो सकते हैं लेकिन मोटापा की वजह से भी डायबिटीज होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। तो सबसे पहले तो इसे कंट्रोल करने पर ध्यान दें। जिसके लिए योग सबसे बेस्ट है। योग के जरिए आप मोटापे और डायबिटीज दोनों को एक साथ कंट्रोल कर सकते हैं।

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कुछ खास तरह के योग आसन मसल्स रिलैक्स करने, ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने और अंदरूनी अंगों के कार्यों में सुधार करते हैं। नियमित रूप से इनका अभ्यास करने से पैंक्रियाज के कार्य और इंसुलिन हॉर्मोन के स्राव में सुधार होता है। तो कौन से योगासन हैं इसमें प्रभावी, आइए जानते हैं इनके बारे में।

विपरीत करणी

यह आसन आपके ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने में मदद करता है। इतना ही नहीं यह हार्मोनल संतुलन और ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में भी सहायक होता है। इस आसन को करने के दौरान ब्लड सर्कुलेशन नीचे से ऊपर की तरफ होता है जिससे मस्तिष्क को भी पर्याप्त मात्रा में ब्लड और ऑक्सीजन की सप्लाई होती है। इससे माइंड रिलैक्स रहता है तनाव दूर रहता है।  

पश्चिमोत्तानासन

पश्चिमोत्तासन पीठ, हैमस्ट्रिंग और हिप्स की स्ट्रेचिंग के लिए बहुत ही फायदेमंद आसन है। इस योग के अभ्यास से पेट की चर्बी और वजन दोनों कम होता है। जो डायबिटीज की संभावनाओं को काफी हद तक कम कर सकती है। 

अर्ध मत्स्येंद्रासन

अर्ध मत्स्येन्द्रासन के रोजाना अभ्यास से बहुत हद तक डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है। यह आसन पैंक्रियास को हेल्दी रखते हुए इंसुलिन बनने में भी मदद करता है। जिससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। 

मंडूकासन

मंडूकासन शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ाता है। पैंक्रियाज के फंक्शन को सुधारता है। हाई ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में तो प्रभावी है ही साथ ही हृदय रोगों में भी फायदेमंद है।