यूपी सरकार ने गौशाला में गायों की दूध के होने वाली बंदरबांट पर रोक लगा दी है। दूध को पंजीकृत संस्थाओं को बेचा जाएगा और इसका पूरा हिसाब गौशाला संचालकों द्वारा रखा जाएगा। दूध की बिक्री से मिलने वाले पैसे से गौशाला का संचालन किया जाएगा।

प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि गौशाला में उत्पादित दूध, बछड़ों व बछियों से बचने वाले दूध का पंजीकृत सहकारी संस्थाओं को बेचा जाएगा। इसके साथ ही गोमय उत्पादों यथा बायोगैस कंपोस्ड खाद, गौमूत्र सप्त गव्य, गोकाष्ठ आदि के उत्पादन व बिक्री के लिए जरूरी कार्यवाही की जाए। शीतऋतु में निकाय में जरूरत के अनुसार अलाव जलाने में लकड़ी के स्थान पर गोकाष्ठ का उपयोग करते हुए लकड़ी पर खर्च होने वाले पैसे को गौशालाओं के संचालन पर खर्च किया जएगा।
इसके अलावा गोबार व उसके खाद की बिक्री से प्राप्त धनराशि का उपयोग गौशाला संचालन पर किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों में कान्हा गौशाला में रखे गए गौवंशों के भरण पोषण के लिए गौवंश को गोद देने की प्रक्रिया भी शुरू की जाए। प्रति गौवंश हर माह 900 रुपये पर लोगों को दिया जाएगा। इसके साथ ही गौशाला संचालन के लिए एमओयू भी किया जाएगा। इसके लिए पशुधन विभाग द्वारा किए गए एमओयू का संदर्भ भी लेना चाहिए।
Fark India | National Hindi Magazine Hindi Magazine and Information Portal