कांग्रेस पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा आज सुबह राजस्थान के कालाखो, दौसा से शुरू हुई। यात्रा में शामिल कुछ युवक ‘सचिन पायलट जिंदाबाद’ और ‘हमारा सीएम कैसा हो? सचिन पायलट जैसा हो’ के नारे लगाते हुए दिखाई दिए।

कांग्रेस के इतिहास के सबसे मुश्किल दौर में कन्याकुमारी से कश्मीर तक की राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से पार्टी की जमीनी राजनीति में आ रहे बदलावों का असर भांपने में अभी कुछ वक्त लगेगा। मगर इसमें संदेह नहीं कि आठ राज्यों के 42 जिलों से होते हुए 2860 किमी से अधिक की दूरी तय कर 100वें दिन शुक्रवार को राजस्थान के दौसा से गुजर रही यह पदयात्रा राहुल गांधी की राजनीतिक छवि को बदलने में प्रभावी साबित होती दिख रही है।
राजनीतिक संघर्ष के लिए सड़क पर उतरकर भारी भीड़ जुटा रहे राहुल ने लंबे अर्से से सुस्त दिखाई दे रही कांग्रेस के कैडर को न केवल सोए से जगाया है बल्कि निर्विवाद रूप से पार्टी के शीर्षस्थ चेहरे के रूप में खुद को स्थापित कर लिया है। वैसे इससे कहीं ज्यादा अहम है कि यात्रा के दौरान अपनी गंभीरता और सहजता से विरोधियों की उनके बारे में ‘अनिच्छुक व अपरिपक्व’ राजनेता होने की बनाई गई धारणा को ध्वस्त करने में राहुल ने कामयाबी हासिल की है।
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