कारोबारी गौतम अडानी की कंपनियों के शेयरों में तेजी से गिरावट के बीच सरकार की टिप्पणी सामने आई है। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा है कि अडानी ग्रुप के मामले से सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। अमेरिकी संस्था हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट के बाद से ही अडानी इंटरप्राइजेज समेत ग्रुप की कई कंपनियों के शेयरों में तेजी से गिरावट का दौर जारी है। अडानी की संपत्ति भी इस गिरावट के चलते करीब आधी रह गई है। ऐसे में इस संकट का असर देश की इकॉनमी पर भी पड़ने की आशंका जताई जा रही है। इस बीच संसद में भी इस मुद्दे पर बवाल मचा हुआ है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल अडानी ग्रुप के मुद्दे पर सदन में चर्चा की मांग कर रहे हैं।

अडानी ग्रुप के मुद्दे पर सरकार के स्टैंड के बारे में पूछे जाने पर मोदी सरकार के मंत्री ने कहा, ‘सरकार का अडानी ग्रुप के मुद्दे से कुछ लेना-देना नहीं है। विपक्ष इस मसले को उठा रहा है क्योंकि उसके पास कोई और मुद्दा ही नहीं है।’ बता दें कि संसद में लगातार कई दिनों से अडानी के मुद्दे पर हंगामा जारी है। शुक्रवार को भी कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस, शिवसेना, सपा, एनसीपी, टीएमसी समेत कई विपक्षी दलों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। इसके चलते राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ गया।
बता दें कि विपक्ष अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट को एक आर्थिक घोटाला करार दे रहा है। गुरुवार को कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि यह एक आर्थिक घोटाला है। इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट के किसी जज की निगरानी में होनी चाहिए या फिर संयुक्त संसदीय समिति गठित की जानी चाहिए। हालांकि सरकार का कहना है कि गौतम अडानी के मामले से उसका कोई लेना-देना नहीं है।
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