इस्लामाबाद. पाकिस्तान के इस्लामाबाद स्थित एक मदरसे में लगे तालिबानी झंडे को उतारने पहुंची पुलिस को यहां विरोध का सामना करना पड़ा. यहां मौलाना अब्दुल अजीज और मदरसे के छात्र पुलिस से ही भिड़ गये. इस दौरान वहां कुछ लोगों के हाथ में AK-47 भी नजर आया.
वाकया इस्लामाबाद के सबसे चर्चित मदरसे जामिया हफ्सा का है. बताया जा रहा है कि जामिया हफ्सा में तालिबान का झंडा फहराया गया था. जब पुलिस को इस बात की जानकारी मिली तब पुलिसवालों की एक टीम इस झंडे को उतराने के लिए वहां पहुंची. लेकिन वहां पहुंचने के बाद पुलिस को मौलाना अब्दुल अजीज और मदरसे के छात्रों के विरोधा का सामना करना पड़ा. यह लोग किसी भी कीमत पर झंडे को उतारने के लिए राजी नहीं थे. खुद मौलाना अब्दुल अजीज पुलिस के सामने खड़े हो गए. जिसके बाद पुलिस टीम झंडों को बिना उतारे ही वापस लौट गई. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में अब्दुल अजीज पुलिसकर्मियों को लताड़ते हुए दिखाई देते हैं.
इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आया है. इस वीडियो में मौलाना पुलिसकर्मियों को खरी-खोटी सुना रहे हैं. इतना ही नहीं वो दावा कर रहे हैं कि इस्लामाबाद में शरिया कानून लागू करने की उनकी मांग सरकार ने मान ली है. वीडियो में नजर आ रहा है कि मौलाना अब्दुल अजीज जामिया हफ्सा के पास मौजूद पुलिसकर्मियों से बहस कर रहे हैं. इतना ही नहीं वो उनसे कह रहे हैं कि वो इस नौकरी को छोड़ दें. मौलाना धमकी दे रहे हैं कि पाकिस्तान तालिबान आप सभी को सबक सिखाएगा. यह भी बताया जा रहा है कि पुलिस को रोकने के लिए बड़ी संख्या में मदरसे की बुर्का पहने छात्राएं छत पर मौजूद थीं. वहां मौजूद एक शख्स के हाथ में खतरनाक एके-47 हथियार भी नजर आ रहा है.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह तालिबानी झंडा शुक्रवार को मदरसे पर फहराया गया था. जिसके बाद शनिवार को पुलिस इसे हटवाने के लिए पहुंची थी. लेकिन विरोध की वजह से उसे खाली हाथ लौटना पड़ा. मौलाना ने इससे पहले कहा था कि यह झंडा तालिबान को बधाई देने के लिए लगवाया गया था.
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