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अगर आप भी सभी कार्यों में सिद्धि पाना चाहते हैं, तो वरुथिनी एकादशी के दिन विष्णु जी की पूजा करते समय अवश्य करें श्री विष्णु चालीसा का पाठ

कल वरुथिनी एकादशी है। यह पर्व हर वर्ष वैशाख माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि वरुथिनी एकादशी के दिन श्रद्धा और भक्ति भाव से भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को कन्यादान और तप करने के समतुल्य फल प्राप्त होता है। साथ ही जीवन में व्याप्त समस्त दुखों का नाश होता है। अगर आप भी सभी कार्यों में सिद्धि पाना चाहते हैं, तो वरुथिनी एकादशी के दिन विष्णु जी की पूजा करते समय श्री विष्णु चालीसा का पाठ अवश्य करें। तो आइए पढ़ते हैं श्री विष्णु चालीसा-
श्री विष्णु चालीसा: दोहा विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय। कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय। चौपाई नमो विष्णु भगवान खरारी। कष्ट नशावन अखिल बिहारी॥ प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी। स्तोत्र का पाठ त्रिभुवन फैल रही उजियारी॥ सुन्दर रूप मनोहर सूरत। सरल स्वभाव मोहनी मूरत॥ तन पर पीतांबर अति सोहत। बैजन्ती माला मन मोहत॥ शंख चक्र कर गदा बिराजे। देखत दैत्य असुर दल भाजे॥ सत्य धर्म मद लोभ न गाजे। काम क्रोध मद लोभ न छाजे॥ संतभक्त सज्जन मनरंजन। दनुज असुर दुष्टन दल गंजन॥ सुख उपजाय कष्ट सब भंजन। दोष मिटाय करत जन सज्जन॥ पाप काट भव सिंधु उतारण। कष्ट नाशकर भक्त उबारण॥ करत अनेक रूप प्रभु धारण। केवल आप भक्ति के कारण॥ धरणि धेनु बन तुमहिं पुकारा।