लखनऊ। कांग्रेस ने नए अध्यक्ष की तैनाती के बाद पिछड़ों पर फोकस बढ़ाना शुरू कर दिया है। इसके लिए मंडल से लेकर जिला स्तर पर पिछड़ा वर्ग सम्मेलन शुरू करने की तैयारी चल रही है। इन सम्मेलनों में कांग्रेस को पिछड़ा वर्ग हितैषी साबित करने की नई रणनीति तैयार की गई है। इसके तहत जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है, वहां से पिछड़ों के लिए किए गए कार्यों की सूची मंगाई गई है। इन कार्यों को सम्मेलनों में बताया जाएगा। इस पूरे अभियान कीजिम्मेदारी पिछड़ा वर्ग विभाग को सौंपी गई है। कांग्रेस की ओर से मंडलवार जातीय जनगणना कराओ-आरक्षण बढ़ाओ सम्मेलन चल रहा है। इसके तहत आगरा, कानपुर चित्रकूट, अयोध्या, देवीपाटन, प्रयागराज,वाराणीसहित करीब12 मंडलों में सम्मेलन किया गया। 28 सितंबर को मेरठ, एक अक्तूबर को बरेली में मंडलीय सम्मेलन निर्धारित है। नए प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के कार्यभार ग्रहण करने के बाद अब रणनीति बदल दी गई है। जहां मंडलीय सम्मेलन हो चुके हैं, वहां जिला स्तरीय सम्मेलन नए सिरे से शुरू किए जाएंगे। इन सम्मेलनों में पाल, निषाद, यादव, नोनिया, मौर्या, नाई, कुम्हार, लोधी, कुर्मी, कहार, लोहार, बढ़ई और चौरसिया समाज के ज्यादा से ज्यादा प्रतिनिधि को बुलाने की रणनीति तैयार की गई है। कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग के प्रदेश अध्यक्ष मनोज यादव ने बताया कि मंडलीय सम्मेलन का व्यापक असर दिख रहा है। इसकी समीक्षा करने के बाद अब जिला स्तरीय सम्मेलन की योजना तैयार की गई है। इन सम्मेलनों में जातीय जनगणना, आरक्षण की 50 फीसदी सीमा हटाने, अति पिछड़े समाज की हिस्सेदारी बढ़ाने जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। यह भी समझाया जाएगा कि जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है, वहां पिछड़े वर्ग के लोगों को कौन- कौन सी सुविधाएं दी जा रही हैं।

पिछड़े वर्ग के साथ रही है कांग्रेस
कांग्रेस के प्रदेश संगठन मंत्री अनिल यादव कहते है कि चार राज्यों में
कांग्रेस की सरकार है, जिसमें तीन के मुख्यमंत्री पिछड़ी जाति के हैं।
कांग्रेस हमेशा से जिसकी जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी के सिद्धांत
पर कार्य करती है। टिकट वितरण का मसला हो अथवा संगठन का, हर जगह पिछड़ों को
निरंतर तवज्जो मिली है। ऐसे में पिछड़े वर्ग की हर जाति के लोग कांग्रेस की
ओर कदम बढ़ा रहे हैं।
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