उत्तर प्रदेश ।। हिन्दी के उत्थान के लिए मनाए जा रहे हिन्दी पखवाड़ा दिवस पर भारतीय राजस्व सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और सीजीएसटी कमिश्नर सोमेश तिवारी का हिन्दी प्रेम भारी पड़ गया। राजभाषा में पत्रावली से लेकर दिशानिर्देशों को अंग्रेजी में जारी करने के विरोध से केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईसी) में खलबली मचा दी है। उन्होंने प्रमाण के साथ शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) तक की है। पीएमओ ने पूरे मामले में सात दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया। नतीजा ये हुआ कि उनका ट्रांसफर गुंटूर कर दिया गया। नियमों को किनारे रख किए गए ट्रांसफर के विरोध में वे हाईकोर्ट चले गए हैं।

कानपुर में जीएसटी आयुक्त आडिट के पद पर कार्यरत सोमेश तिवारी राजभाषा का कार्य भी करते हैं। राजभाषा की मैगजीन निकालते हैं। राजभाषा में पत्राचार की पैरवी करते हैं। विभाग में 90 फीसदी से ज्यादा कामकाज अंग्रेजी में होने का लगातार विरोध कर रहे थे। इस संबंध में सबसे पहले सर्तकता आयोग को पत्र लिखकर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड पर सीधा आरोप लगाया और कहा कि उनके अंग्रेजी प्रेम के कारण ही हिन्दी पनप नहीं पा रही है। हिन्दी दिवस पर ली जाने वाली शपथ पर भी लिखित में कहा कि सभी झूठ बोलते हैं और शपथ लेते समय उनका लाई डिटेक्टर टेस्ट कराया जाए इसके बाद भी हिन्दी में कामकाज न करने के कारण वरिष्ठ आईआरएस अधिकारी ने पूरे मामले की शिकायत केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कर दी। पीएमओ से इस मामले में जवाब भी बोर्ड से मांगा गया लेकिन कुछ नहीं हुआ। इस पर सोमेश तिवारी ने पुन: लिखा कि जिसके खिलाफ शिकायत की है, उसी को जांच सौंपी जा रही हैै इसलिए इंसाफ नहीं मिल सकता।
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