कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में इनकम टैक्स की टीम ने एक पूर्व पार्षद से जुड़े आवास पर छापेमारी करते हुए 42 करोड़ रुपये की राशि बरामद की। ये रुपये 23 डिब्बों में छिपाकर रखे गए थे। जांच से जुड़े अधिकारियों के अनुसार नकदी को डिब्बों में पैक किया गया था और पार्षद के स्वामित्व वाले एक फ्लैट के बिस्तर के नीचे छुपाया गया था। आयकर विभाग यानी आईटी को 13 अक्टूबर को बड़ी कामयाबी हासिल हुई। आईटी अधिकारियों ने कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक पूर्व पार्षद के आवास पर छापेमारी की और 42 करोड़ रुपये की राशि बरामद की। ये रुपये 23 डिब्बों में छिपाकर रखे गए थे।
डिब्बों में पैक की गई थी राशि आईटी अधिकारियों ने बताया कि 42 करोड़ रुपये की राशि को डिब्बों में पैक किया गया था। इसके बाद इसे पूर्व पार्षद के स्वामित्व वाले एक फ्लैट के बिस्तर के नीचे छुपाया गया था।
पांच स्थानों पर आईटी की रेड बता दें, आयकर विभाग की टीम ने पूर्व पार्षद से जुड़े पांच स्थानों पर छापेमारी की। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि जिस फ्लैट में नकदी छिपाई गई थी, वह पूर्व पार्षद के रिश्तेदार के पास है। बरामद राशि 500 रुपये मूल्यवर्ग की थी। संदेह जताया जा रहा है कि जब्त की नकदी का इस्तेमाल तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में किया जाना था। शिवकुमार ने छापे को बताया राजनीति से प्रेरित जनता दल सेक्युलर के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को संदेह था कि नकदी से भरे कार्टन को तेलंगाना ले जाया जा रहा था। वहीं, उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने आरोप लगाया है कि आईटी का छापा राजनीति से प्रेरित है। ऐसे छापे न केवल कर्नाटक, बल्कि अन्य राज्यों में भी मारे जा रहे हैं।
चेन्नई में 10 स्थानों पर आईटी ने मारा छापा एएनआई ने सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि इससे पहले आईटी ने उपकरण उपलब्ध कराने के संबंध में तमिलनाडु बिजली बोर्ड के ठेकेदारों और आपूर्तिकर्ताओं से संबंधित विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की थी। आईटी ने चेन्नई में लगभग 10 स्थानों पर छापे मारे, जिनमें इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और राधा इंजीनियरिंग वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड पर मारा गया छापा भी शामिल है।
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