लखनऊ के पीजीआई में पूर्व भाजपा सांसद भैरो प्रसाद मिश्र के पुत्र प्रकाश मिश्र (42) की इलाज न मिल पाने के कारण मौत हो गई। पूर्व सांसद करीब डेढ़ घंटे तक डॉक्टरों के आगे गिड़गिड़ाते रहे लेकिन उन्हें बेटे लिए बेड नहीं मिल सका। इसी बीच प्रकाश की सांसें उखड़ गईं। प्रदेश सरकार ने मामले में उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए और प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए संबंधित डॉक्टर को कार्यमुक्त कर दिया गया है। घटना को लेकर पीजीआई निदेशक को चेतावनी भी दी गई है।
चित्रकूट निवासी भैरों प्रसाद मिश्रा बांदा संसदीय क्षेत्र से वर्ष 2014 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। उनका बेटा प्रकाश गुर्दे की बीमारी से जूझ रहा था। प्रकाश का इलाज पीजीआई से ही चल रहा था। हालत बिगड़ने पर शनिवार रात करीब 11 बजे वह बेटे को लेकर पीजीआई की इमरजेंसी में पहुंचे, पर वहां तैनात डॉक्टरों ने बेड खाली नहीं होने की बात कहकर भर्ती करने से इनकार कर दिया।
बेटे की सांस उखड़ रही थी, बदहवास पूर्व सांसद डॉक्टरों से मिन्नतें करते रहे
इमरजेंसी के अंदर पहुंचकर भी इलाज नहीं मिलने से प्रकाश की सांसें उखड़ने लगीं। बेटे की दशा देख पूर्व सांसद डॉक्टरों के आगे गिड़गिड़ाते रहे। मिन्नतें करते रहे। हाथ भी जोड़े। पर, डॉक्टर नहीं पसीजे। मरीज को हाथ भी नहीं लगाया। आखिर प्रकाश की स्ट्रेचर पर पड़े-पड़े ही मौत हो गई।
रिपोर्ट मिलने के बाद होगी कार्रवाई
निदेशक ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। कमेटी में संस्थान के सीएमएस डॉ. संजय धीराज, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वीके पालीवाल व इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. आरके सिंह को शामिल किया गया है। कमेटी सोमवार को जांच रिपोर्ट सौंपेगी। निदेशक ने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
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