ईवी पॉलिसी पर चंडीगढ़ प्रशासन ने यू टर्न ले लिया है। यूटी प्रशासन ने दिवाली के बाद इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल पॉलिसी को रिव्यू करने का फैसला किया है। इस बीच आगामी 27 नवंबर गुरुपर्व तक वाहनों के पंजीकरण पोर्टल को खुला रखने का भी निर्णय लिया गया है। इससे पेट्रोल-डीजल वाहन खरीदारों और खासकर ऑटोमोबाइल डीलरों को बड़ी राहत मिलने वाली है।
चौतरफा दबाव और पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में मामला पहुंचने पर प्रशासन ईवी पॉलिसी की कैपिंग हटाने को लेकर हरकत में आया है। बुधवार को शहर के प्रशासक एवं पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित की अध्यक्षता में हितधारकों समेत शहर के भाजपा नेताओं की पंजाब के राजभवन में एक अहम बैठक बुलाई गई। सूत्रों के अनुसार बैठक में पेट्रोल-डीजल वाहनों के पंजीकरण से फिलहाल अस्थायी तौर पर कैपिंग हटाने पर सहमति बनी है। हालांकि, प्रशासन ने दिवाली के बाद इसकी पुनर्समीक्षा करने की बात कही है।
हाईकोर्ट पहुंचे थे ऑटोमोबाइल डीलर
कुछ ऑटोमोबाइल डीलरों ने वाहनों पर कैपिंग लगाने के मामले को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है, जिसकी हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। बताया जा रहा है कि इसे देखते हुए ई व्हीकल पालिसी में कैपिंग हटाने को लेकर प्रशासन हाईकोर्ट के बाहर ही निपटारा करने की तैयारी में है। जिसके लिए प्रशासन की ओर से 27 नवंबर को रिव्यू मीटिंग की बुलाई गई है। सूत्र बताते हैं कि बैठक में प्रशासन की ओर से डीलरों को अदालत में दायर की गई याचिकाएं वापस लेने को भी कहा गया। पुरोहित की अध्यक्षता में पंजाब राजभवन में प्रशासन के साथ हुई इस बैठक में ऑटोमोबाइल डीलरों के साथ भाजपा चंडीगढ़ के पूर्व अध्यक्ष संजय टंडन, चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष जितेंद्र मल्होत्रा, मेयर अनूप गुप्ता मौजूद थे। वहीं, प्रशासक के कार्यकारी सलाहकार नितिन यादव, उपायुक्त विनय प्रताप सिंह और आरएलए के अधिकारी भी शामिल रहे। प्रशासन की ओर से डीलरों को कुछ शर्तों के साथ 27 नवंबर तक छूट देने का आश्वासन दिया गया है।
फेडरेशन ऑफ आटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन ने रखा पक्ष
ई व्हीकल पालिसी पर कैपिंग हटाने को लेकर आयोजित बैठक में फेडरेशन ऑफ आटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों कैपिंग के मसले को उठाया। सूत्रों के अनुसार इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों ने काफी चर्चा के बाद कैपिंग के मामले को रिव्यू करने को कहा है। गौरतलब है कि चंडीगढ़ प्रशासन ने 2022 में ईवी नीति जारी की थी। वहीं केंद्र के दिशा निर्देश गैर ईवी वाहनों के पंजीकरण पर रोक से जुड़े नहीं थे। यह इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए थे। इसमें चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना भी शामिल था। त्योहार के सीजन में बड़ी संख्या में लोगों ने गैर-इलेक्ट्रिक वाहनों की बुकिंग की हैं, लेकिन प्रशासन की नीति के चलते उनकी डिलीवरी लंबित है। वहीं, प्रशासन को गैर-पंजीकरण के कारण कर और अन्य राजस्व का नुकसान हो चुका है।
शहर में बाहर से आते हैं पचास फीसदी वाहन
फेडरेशन ऑफ आटो मोबाइल डीलर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ के वित्त सचिव आरके गर्ग ने कहा कि प्रशासन की खुद की रिपोर्ट को देखा जाए तो शहर में आने वाले 50 प्रतिशत से अधिक वाहन पड़ोसी राज्यों से हैं। उन्होंने कहा कि आसपास के किसी भी क्षेत्र खासतौर पर पंचकूला और मोहाली में इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसी नीति से उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो सकती है। दूसरी ओर, सूत्रों के अनुसार धनतेरस के लिए ट्राइसिटी में लगभग 700 वाहनों की एडवांस बुकिंग हो चुकी है।
वाहन खरीदने के लिए उपभोक्ता भी कोर्ट की शरण में
चंडीगढ़ में वाहन खरीदने के लिए उपभोक्ता भी कोर्ट का रुख कर रहे हैं। चंडीगढ़ के रहने वाले संजय कुमार ने कई और लोगों के साथ मिलकर दोपहिया वाहन खरीदने के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिसमें कहा गया है कि उन्होंने दोपहिया वाहन की बुकिंग करा रखी है, प्रशासन इसके पंजीकरण की मंजूरी नहीं दे रहा है। इस कारण वह अपना वाहन नहीं खरीद पा रहे हैं। अदालत उन्हें वाहन खरीदने की मंजूरी दे।