उत्तरकाशी सुरंग में फंसे मजदूरों को धैर्य जवाब दे रहा है। वह अब अपनी आपबीती पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं सुरंग में फंसने से बाल-बल बचे बिहार के दर्शन ने उस दिन की घटना के बारे में बताया।
सिलक्यारा सुरंग हादसे में बिहार निवासी दर्शन कुमार उन चंद खुशकिस्मत लोगों से एक हैं जो सुरंग के अंदर फंसने से बाल-बाल बच गए। शॉटक्रिट मशीन के ऑपरेटर दर्शन ने बताया कि वह हादसे से आधा घंटा पहले ही सुरंग से बाहर आए थे। आधे घंटे बाद वहां भारी भूस्खलन हो गया और 41 लोग सुरंग में फंस गए।
बिहार राज्य के 20 वर्षीय दर्शन कुमार ने बताया कि वह और उनका भाई चंदन कुमार दोनों सिलक्यारा सुरंग के निर्माण से जुड़ी नवयुगा कंपनी में कार्यरत हैं। वह शॉर्टक्रिट मशीन के ऑपरेटर हैं, जबकि उसका बड़ा भाई चंदन मैकेनिक है। हादसे से पहले वह भी उस दल में शामिल था जो शनिवार को नाइट शिफ्ट के लिए सुरंग में गया था।
दर्शन ने बताया कि रातभर उसने काम किया। फिर काम नहीं होने पर सुबह पांच बजे वह बाहर आ गया और अपने कमरे पर आराम करने चला गया। आधे घंटे बाद ही शोर मचा कि सुरंग गिर गई। वहां जाकर देखा तो मलबा गिरने से सुरंग पूरी तरह बंद हो चुकी थी और वहां काम कर रहे मजदूर अंदर ही फंस गए थे। उसने भगवान का शुक्रिया अदा किया कि उसे सुरंग के अंदर फंसने से बचा लिया।
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