अयोध्या में राममंदिर के लिए धनराशि जुटाने वाले सियाराम ने अपनी 16 बिस्वा जमीन बेच दी थी। 15 लाख रुपये कम पड़े तो बेटे, बेटी और रिश्तेदारों से उधार लिया। एक करोड़ रुपये दान देने का संकल्प पूरा किया।
अयोध्या में श्रीरामजन्म भूमि पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से करीब एक साल पहले ही प्रतापगढ़ के सियाराम गुप्ता ने राममंदिर निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये दान दे दिया था। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) काशी प्रांत के रिकॉर्ड के मुताबिक, सियाराम देश और दुनिया के पहले दानदाता हैं। इसी लिहाज से उन्हें राममंदिर की प्राणप्रतिष्ठा में बुलाया गया है। इससे सियाराम गदगद हैं। उनका कहना है कि प्रभु राम आ गए। 500 वर्षों के बाद उन्हें अपना घर मिल रहा है। मेरा तो जीवन धन्य हो गया। अयोध्या में रामजन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला नवंबर 2019 में आया था, फिर श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र से निधि समर्पण का अभियान चलाया। लेकिन सियाराम गुप्ता ने अक्तूबर 2018 में ही राममंदिर निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये का चेक आरएसएस काशी प्रांत को दे दिया था।
बेच दी थी जमीन
अयोध्या में राममंदिर के लिए धनराशि जुटाने वाले सियाराम ने अपनी 16 बिस्वा जमीन बेच दी थी। 15 लाख रुपये कम पड़े तो बेटे, बेटी और रिश्तेदारों से उधार लिया। एक करोड़ रुपये दान देने का संकल्प पूरा किया। सियाराम को भरोसा था कि अयोध्या में भव्य और दिव्य राममंदिर बनेगा। इसलिए पहले ही दान देने का फैसला कर लिया। वह कहते हैं कि दान देकर भूल गया था। किसी तरह के प्रचार-प्रसार की मंशा नहीं थी।
राममंदिर की प्राणप्रतिष्ठा की तारीख घोषित हुई तो श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र अयोध्या से न्योता मिल गया। 22 जनवरी को अयोध्या जाना है। आरएसएस काशी प्रांत ने राममंदिर निर्माण के लिए दान देने वाला पहला दानदाता भी बताया। जमीन कारोबार से जुड़े सियाराम गुप्ता ने पांचवीं तक की पढ़ाई की है। प्रतापगढ़-प्रयागराज रोड पर राम-सीता का मंदिर भी बनवाया है। अब मंदिर में ही रहकर पूजा-अर्चना करते हैं। वह कहते हैं कि इमरजेंसी में जेल गया था। पहला दानदाता बनने की जितनी खुशी मुझे है, उससे कहीं ज्यादा पत्नी, तीन बेटे और बेटियों को है। सबकी सहमति से अक्तूबर 2018 में दान दिया था। परिवार का पूरा सहयोग था।
Fark India | National Hindi Magazine Hindi Magazine and Information Portal