राजधानी देहरादून निवासी मर्चेंट नेवी में सेलर अंकित सकलानी आठ दिन से लापता हैं। वह एक निजी कंपनी के शिप से रूस से तुर्किये जा रहे थे। इस दौरान उन्होंने पत्नी को जो मैसेज व वीडियो भेजकर हत्या की आशंका जताई थी।
सकलानी का परिवार नेहरूग्राम के लोवर गढ़वाली कालोनी में रहता है। 18 दिसंबर को अंकित की पत्नी पिंकी को शिप मैनेजर का फोन आया कि अंकित ने समंदर में कूदकर खुदकुशी कर ली। अंकित के भाई निशांत का कहना है कि शिप पर अंकित एक दिसंबर को गया था। आठ दिन बाद से लगातार वह फोन करके अपनी परेशानियां बता रहा था। 10 दिसंबर को पत्नी को फोन कर कहा कि वह वापस आना चाहता है। कहा कि अगर मुझे कुछ होता है तो समझ लेना कि शिप के क्रू मेंबर ने ही किया है। 18 दिसंबर को जब अंकित की खुदकुशी की खबर आई तो सब हैरान रह गए। उनका कहना है कि जब अंकित 18 को शिप से बाहर होने वाला था तो सुसाइड करने का कोई मतलब ही नहीं है। परिजनों का ये भी कहना है कि अंकित की हत्या हुई है या अपहरण। न तो कंपनी कुछ बता रही और न ही सरकार उनकी कोई मदद कर रही है।
बताया जा रहा, फिलहाल शिप तुर्किये में ही पोर्ट पर खड़ा है। भाई निशांत ने कहा कि वह इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी गुहार लगा चुके हैं। विदेश मंत्रालय के अलावा तुर्किये दूतावास को भी पत्र भेजा है, पर कहीं से कोई मदद नहीं मिल रही है। अंकित के घर में माता-पिता के अलावा पत्नी व तीन साल की बेटी है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
पूर्व नेवी कैप्टन की अपील कतर कोर्ट ने स्वीकार की
जासूसी के आरोप में जिन आठ पूर्व नेवी अफसरों को कतर में मौत की सजा सुनाई गई थी, उनकी अपील अब कतर के कोर्ट ने स्वीकार कर ली है। इनमें देहरादून के कैप्टन सौरभ वशिष्ठ भी शामिल हैं। सौरभ के पिता आरके वशिष्ठ एयरफोर्स से विंग कमांडर पद से रिटायर्ड हैं। बताया, सरकार ने सभी आठ भारतीयों की मदद के लिए भारत के राजदूत के माध्यम से कतर में एक सीनियर वकील कर लिया है। यह वकील स्थानीय कोर्ट में उनकी अपील रखेगा।
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