सपा के बडे़ चेहरें हीरों गांधी के निधन के बाद कभी नहीं पहुंचे पैतृक गांव रेवारी
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के दिशानिर्देश पर एंव प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की संस्तुति पर जौनपुर मुंगरा बादशाहपुर के विधायक पंकज पटेल को 17 जनवरी को शहीद समाजवादी सिपाही रणविजय सिंह यादव हीरो गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर मुख्य अतिथि रूप में आमंत्रित किया गया हैं जिसमें समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता, विधायक एवं पूर्व विधायक,अध्यक्ष एवं पूर्व अध्यक्ष को भी दिशानिर्देश हैं कि शहीद हीरो गांधी के परिवार का यथासंभव सहयोग कर कार्यक्रम को सफल बनाए।

शहीद समाजवादी सिपाही रणविजय सिंह यादव हीरो गांधी के दिए गए बलिदानों और उनके विचारों को प्रकट करें। ग्यारह जनवरी 2008 को लखनऊ के हजरतगंज में जब सपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस के द्वारा लाठी चार्ज किया गया तो समाजवादियों ने पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन किया। और इस आंच दिल्ली तक जा पहुंची। तीन दिन बाद 14 जनवरी को पार्टी ने जंतर-मंतर पर आंदोलन शुरू किया। दिल्ली समाजवादी पार्टी के छात्र नेता रणविजय सिंह यादव आंदोलन का नेतृत्व करते करते खुद को आग के हवाले कर दिया। जिनका इलाज के दौरान निधन हो गया।उस समय अखिलेश यादव समाजवादी सच्चे सिपाही का शव लेकर उनके पैतृक गांव रेवारी पहुंचे थे। समाजवादी पार्टी ने अपने क्रांतिकारी सिपाही को शहीद का दर्जा और अनगिनत घोषणाएं तो कर दी थी। मगर सच्चाई तो यह हैं कि आज भी हीरो गांधी के नाम पर सपा सत्ता में रहते हुए भी एक काम नहीं की न परिवार के जीवन यापन के लिए ही कुछ किया।हीरों गांधी के शहीद होने के बाद कभी समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो ने उलट कर देखा तक नहीं तीन तीन बार सरकार में रहतें हुए भी कभी शहीद हीरों गांधी के नाम पर कुछ नहीं किया।परिवार ने तो अपना एक बेटा पार्टी के लिए दांव पर लगाया मगर पार्टी ने कभी कुछ नहीं किया।उनकी पुण्यतिथि 17 जनवरी को है। परिवार वाले एक बार फिर उम्मीदों का दीया जलाए बैठे हैं।मगर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व हमेशा अपना पल्ला झाड़ते हुए किसी विधायक या एमएलसी के भरोसे पर कार्यक्रम छोड़ दिया जाता हैं।और जिले के तमाम ऐसे भी पार्टी के जनप्रतिनिधि हैं जो कभी चाहते ही नहीं कि अखिलेश यादव कार्यक्रम में आए। यदि चुनाव के समय कार्यक्रम भी सुल्तानपुर लगता हैं तो महिमामंडन की राजनीति करने वाले नेता कभी वहां तक ले भी नहीं जातें। आखिर समाजवादी पार्टी का एक ऐसा सच्चा सिपाही जिसने अपने नेता पूर्व रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव के नजरबंद की खबर मात्र सुनी उसने अपना सब कुछ दाव पर लगाकर खुद को आग के हवाले करते हुए आत्मदाह कर लिया हो आखिर ऐसे सच्चे सिपाही की चिंता सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष को क्यूं नहीं होती यह बड़ी चिंता की बात हैं।ऐसे में सवाल उठना भी जायज हैं। आत्मदाह के बाद तीन दिनों तक जिंदगी और मौत से जूझते हीरो गांधी ने 16 जनवरी को जिंदगी की आखिरी सास ली थीं। समाजवादी पार्टी के सच्चे सिपाही हीरों गांधी के निधन पर उनके पैतृक गांव रेवारी में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, अमर सिंह, कमाल अख्तर, एसआरएस यादव, राजेंद्र चौधरी, रामगोपाल यादव जैसे बडें नेता अंतिम संस्कार में पहुंचे और हीरो को कंधा भी दिए थें। हीरो गांधी के बारें में बताते हुए रजनीश ने कहां हमने तो अपना बड़ा भाई खोया हैं अगर आज हीरों भैया होते तो हम लोगों की जिम्मेदारियों का निर्वाह जरूर करतें,रजनीश ने कहां सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष यदि हीरो गांधी पुण्यतिथि में आ जाए तो उम्मीद का दिया और जल जाएं।
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