कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर असम के नौगांव में हमले के बाद उनकी टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को कहा कि आज सिर्फ राम के बारे में बात होनी चाहिए, रावण के बारे में नहीं।
अयोध्या में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के दिन सरमा ने कहा, ‘आज 500 वर्षों की दासता खत्म हो गई। भारत ने दिखाया है कि इस देश में कुछ भी संभव है। मुझे पूरा विश्वास है कि अब रामराज शुरू हो गया है। रामराज होने के साथ ही भारत विश्वगुरु भी बनेगा।’
हमें सिर्फ उनके बारे में बात करनी चाहिए, रावण के बारे में नहीं- सरमा
नौगांव में हमले को लेकर राहुल गांधी की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘आज आप रावण के बारे में बात क्यों कर रहे हैं? कम से कम आज तो राम के बारे में बात कीजिए। हमें 500 वर्षों के बाद राम के बारे में बात करने का अवसर मिला है। हमें सिर्फ उनके बारे में बात करनी चाहिए, रावण के बारे में नहीं।’
नौगांव की घटना के बारे में भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक्स पर पोस्ट में कहा, ‘उनकी यात्रा (भारत जोड़ो न्याय यात्रा) के दौरान कुछ लोगों ने जय श्रीराम और मोदी-मोदी के नारे लगाए, इसलिए राहुल गांधी ने अहंकार में उन पर धावा बोल दिया। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोका। मोहब्बत की दुकान या अहंकार की दुकान। वंशवादी द्वारा शर्मनाक व्यवहार। यहां तक कि उन्होंने भीड़ के सामने चुंबन की हरकत भी की।’
भाजपा के आइटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने घटना का वीडियो साझा करते हुए कहा, ‘जय श्रीराम और मोदी-मोदी के नारों के बाद राहुल गांधी ने अपना आपा खोया।’ उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘अगर वह इससे इतना परेशान हैं, तो हिंदू विरोधी कांग्रेस द्वारा अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकराने के बाद वह आने वाले दिनों इस देश के लोगों का सामना कैसे करेंगे?’
कांग्रेस ने किया पलटवार
मालवीय को जवाब में कांग्रेस की इंटरनेट मीडिया एंड डिजिटल प्लेटफार्म्स की अध्यक्ष सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘राहुल गांधी ने अपना आपा नहीं खोया था। बल्कि वह नारे लगा रहे लोगों से मिलने गए थे और जैसे ही वह उनके बीच पहुंचे, वे भाग गए। उन्होंने जो किया, उसके लिए साहस चाहिए। ये कुछ ऐसा है जो आप और आपके आका नहीं समझेंगे।’ असम की भाजपा सरकार पर बरसते हुए कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि इस घटना की आलोचना की जानी चाहिए और मुख्यमंत्री सरमा को कानून एवं संविधान का सम्मान करना चाहिए।
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