आजमगढ़ जिले के तहरबपुर के नैपुरा गांव के पास पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के जल निकासी पाइप में तीन दिनों छिपकर बैठे तेंदुए को आखिरकार गिरफ्त में ले ही लिया गया। वन विभाग व पुलिस कर्मियों ने चार घंटे की कड़ी मेहनत के बाद पाइपलाइन में ड्रम को डाल कर प्रेशर से तेंदुआ को धकेल कर पिंजरे में कैद करने में सफलता हासिल किया।
मंगलवार सुबह से ही रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था लेकिन मुख्य अभियान शाम तीन बजे शुरू हुआ जो सात बजे तेंदुआ के पिजड़े में कैद होने के साथ पूर्ण हुआ। तेंदुए के पकड़े जाने तक लोग भय के साए में रहे।
यह है पूरा मामला
जिले में तेंदुए का आतंक विगत एक पखवारे से देखने को मिल रहा था। अहरौला में भी इसकी घेराबंदी हुई थी लेकिन वन विभाग की लापरवाही के चलते जाल काटकर तेंदुआ फरार हो गया था। इसके बाद रविवार को यूपीडा की भ्रमण करने वाली टीम ने तहबरपुर के नैपुरा के पास तेंदुए को देखा और फोटो खींच लिया। इसके साथ ही सूचना वन विभाग को दी गई।
गोरखपुर से आई विशेष टीम की मदद से मिली सफलता
वन विभाग की टीम सक्रिय हुई और मौके पर पहुंची। इस बीच तेंदुआ पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के पाइप लाइन में घुस गया। इस दौरान वन विभाग की टीम की सक्रियता से पाइपलाइन के एक मुहाने को मिट्टी डालकर बंद किया गया। वहीं दूसरे मुहाने पर लोहे का बड़ा पिंजरा लगा दिया गया। 48 घंटे बाद भी जब तेंदुआ पिंजरे में नहीं आया तो सोमवार की शाम को गोरखपुर से वन संरक्षण अधिकारी बीसी ब्रह्मा के नेतृत्व में विशेष टीम जिले में पहुंची।
मंगलवार की सुबह से ही रेस्क्यू ऑपरेशन की शुरुआत हुई। इसके बाद भी तेंदुआ बाहर नहीं निकला तो तीन बजे पाइप लाइन के बंद मुहाने को खेल कर उसमें ड्रम डाला गया, जिसे पाइप से प्रेशर के माध्यम से तेंदुआ को धकलने की कवायद शुरू हुई। सात बजे के लगभग वन विभाग व पुलिस कर्मियों की टीम तेंदुए को ड्रम की मदद से पिंजरे में धकेल कर कैद करने में सफल हुई। तेंदुआ को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ मौके पर जुटी थी।
यूपीडा ने रेस्क्यू के लिए उपलब्ध कराया संसाधन
वन संरक्षण अधिकारी गोरखपुर बीसी ब्रह्मा ने सोमवार की शाम मौका मुआयना के बाद विशेष रेस्क्यू अभियान चलाने की रणनीति तय किया। इसके लिए ड्रम, वेल्डिंग मशनी, पाइप, जेसीबी आदि का इंतजाम यूपीडा ने किया। वहीं मानव संसाधन के रूप में वन विभाग के कर्मियों के साथ ही पुलिस कर्मी भी शामिल रहे। इनमें डॉ. बीसी ब्रह्मा, मुकेश गुप्ता, नरेंद्र चौधरी, गंगाधर मिश्रा, वीर बहादुर यादव सिंह, यूपीडा के संजय चंदेल आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाया।
मेडिकल के लिए गोरखपुर भेजा जाएगा तेंदुआ
पिंजरे में कैद तेंदुआ काफी खुंखार दिख रहा। विभागीय सूत्रों की माने तो उसे मौके से सीधे गोरखपुर भेजा जाएगा। जहां उसका मेडिकल कराया जाएगा।
क्या कहते हैं अधिकारी
पाइप लाइन में ड्रम डालकर पाइप से प्रेशर देकर तेंदुए को धकेल कर किसी तरह पिंजरे में कैद किया गया। तेंदुआ स्वस्थ्य है। अब उच्चाधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। यूपीडा की मदद से रेस्क्यू करने में सफल हुए हैं।
-नरेंद्र चौधरी, सीओ फारेस्ट
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