राज्य कर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा ने देहरादून में आयरन स्क्रैप कारोबारियों के गोदामों में छापा मार कर जीएसटी चोरी पकड़ी है। शहर में स्मार्ट सिटी और विभाग की ओर से लगाए गए एएनपीआर कैमरों से विभाग ने जीएसटी चोरी करने का खुलासा किया है। प्रदेश से बाहर की फर्मों के नाम से फर्जी बिल लगाकर स्क्रैप कारोबारी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ लेकर सरकार को 6 करोड़ की चपत लगा चुके थे।
राज्य कर आयुक्त इकबाल अहमद के निर्देश पर विभाग की पांच टीमों ने बृहस्पतिवार को देहरादून के आईएसबीटी के पास तीन स्क्रैप कारोबारियों के दो गोदामों में छापा मारा। विभाग की प्रारंभिक जांच में पाया गया कि स्क्रैप कारोबारियों की ओर से देहरादून व हरिद्वार से छोटे-छोटे अपंजीकृत व्यापारियों से स्क्रैप खरीद कर पंजाब में बेचते थे।
फर्जी बिलों पर 6 करोड़ की आईटीसी का लाभ लिया गया
अपंजीकृत व्यापारियों से स्क्रैप खरीदने पर जीएसटी में आईटीसी का लाभ नहीं मिलता है। जिससे कारोबारी उत्तर प्रदेश व दिल्ली के फर्मों के नाम से फर्जी बिल बना कर आईटीसी का लाभ लेकर सरकार को राजस्व की चपत लगा रहे थे। जांच में पाया गया कि फर्जी बिलों पर 6 करोड़ की आईटीसी का लाभ लिया गया। इस पर स्क्रैप कारोबारियों ने कार्रवाई के दौरान 1.10 करोड़ की राशि जमा कराई।
विशेष अनुसंधान शाखा के संयुक्त आयुक्त एसएस तिरुवा ने बताया कि फर्जी बिलों पर माल आपूर्ति दिखाने पर विभाग ने शहर में लगाए गए एएनपीआर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की। जिसमें देखा गया कि देहरादून से पंजाब के लिए स्क्रैप लेकर वाहन भेजे जा रहे हैं। लेकिन बाहरी राज्यों से स्क्रैप लेकर वाहन देहरादून नहीं आ रहे हैं। इसके आधार पर विभाग ने स्क्रैप कारोबारियों के गोदामों में कार्रवाई कर फर्जीवाड़ा पकड़ा है।
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