बनभूलपुरा हिंसा के दौरान जलाए गए थाने में अपराधियों के रिकॉर्ड सुरक्षित बच गए हैं। हालांकि थाने के दस्तावेज और पत्राचार से संबंधित सभी डाटा कंप्यूटर जलने से खत्म हो गया है। पुलिस थाने में हुए नुकसान का आकलन कर रही है, जिसके आधार पर हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक से इसकी वसूली की जाएगी।
मलिक का बगीचा में अतिक्रमण हटाने के दौरान बीती 8 फरवरी की शाम हिंसा भड़की थी। उपद्रवियों ने चोरगलिया रोड स्थित बनभूलपुरा थाने में आग लगा दी थी। आगजनी से थाने को काफी नुकसान पहुंचा। यहां रखे चार कंप्यूटर सिस्टम भी आग की भेंट चढ़ गए, जिसकी हार्ड डिस्क जलने से थाने का करीब आठ साल का रिकॉर्ड जलकर राख हो गया।
थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी ने बताया कि आगजनी के दौरान थाने के महत्वपूर्ण रजिस्टर बच गए हैं। रजिस्टर 4, रजिस्टर 8 सहित हाथ से दर्ज किए जाने वाले अन्य रजिस्टर मालखाने में रखे हुए थे, जिस कारण ये आग की भेंट नहीं चढ़ सके। बताया कि रजिस्टर 4 अपराध रजिस्टर और रजिस्टर 8 ग्राम अपराध रजिस्टर है जिसमें अपराधियों का रिकॉर्ड हाथों से दर्ज किया जाता है। इसमें सालों पुराने अपराधियों का पूरा रिकॉर्ड दर्ज है। इनके साथ ही अन्य रजिस्टर और दस्तावेज हैं, जो सुरक्षित हैं।
बताया कि आग लगने से थाने के अन्य कमरों को नुकसान पहुंचा है। साल 2015 में थाने का अपग्रेडेशन हुआ था, तब यहां कंप्यूटर सिस्टम लगाए गए थे। जिसके बाद से थाने का सारा काम कंप्यूटर सिस्टम में ही किया जाने लगा था, जिसमें एसएसपी कार्यालय, एसपी सिटी कार्यालय, प्रशासनिक कार्यालयों को भेजे गए पत्र समेत अन्य रिकॉर्ड था। आग से कंप्यूटर की हार्ड डिस्क जल गई, जिससे रिकॉर्ड खत्म हो गया। हालांकि मुकदमा अब ऑनलाइन सिस्टम में दर्ज होता है, जिससे वह सभी सुरक्षित है।
बनभूलपुरा थाने में आग लगने से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। नुकसान की भरपाई के लिए जल्द ही अब्दुल मलिक को नोटिस जारी किया जाएगा और वसूली की जाएगी। -प्रहलाद नारायण मीणा, एसएसपी।
नगर निगम ने 2.68 करोड़ की आरसी काटी
मलिक के बगीचा क्षेत्र में पथराव और आगजनी से नगर निगम को काफी नुकसान पहुंचा है। नगर निगम ने 2.68 करोड़ रुपये वसूली का नोटिस मामले के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक को भेजा था और तीन दिन का समय भुगतान के लिए दिया था। मगर मलिक के भुगतान नहीं करने पर अब नगर निगम ने 2.68 करोड़ की वसूली की आरसी काटी है, जिसे तहसील भेज दिया है। तहसील स्तर से अब 14 दिन में राशि जमा करने का समय दिया जाएगा। इसके बाद ही राशि जमा नहीं होने पर कानूनी कार्रवाई शुरू होगी।
इंश्योरेंस नहीं होने पर नहीं मिलेगा वाहनों का क्लेम
बनभूलपुरा हिंसा के दौरान सरकारी वाहनों के साथ ही सैकड़ों निजी वाहनों को भी उपद्रवियों ने आग लगा दी थी जिसके लिए अब लोगों को बनभूलपुरा थाने में अपनी शिकायत भी दर्ज करानी होगी। पुलिस उसे हिंसा की विवेचना में शामिल करेगी। मगर वाहनों का क्लेम इंश्योरेंस के माध्यम से ही मिल पाएगा। ऐसे में जिन वाहनों का इंश्योरेंस नहीं होगा, उनको वाहन जलने के बावजूद खाली हाथ रहना पड़ सकता है। हालांकि शासन स्तर से मुआवजा दिए जाने पर कोई फैसला होने के बाद थोड़ी राहत मिल सकती है। एआरटीओ प्रमोद चौधरी का कहना है घटना में जले वाहनों का क्लेम इंश्योरेंस कंपनी ही देगी। इसके लिए वाहन का इंश्योरेंस होना भी जरुरी है।