त्रेता युग के बाद अब 21वीं सदी में पुष्पक विमान की चर्चा एक बार फिर शुरू हो गई है। दरअसल, इसरो ने आज पुष्पक विमान (आरएलवी-टीडी) की सफल लॉन्चिंग की है।
बड़ी उपलब्धि हासिल
लॉन्चिंंग के बाद विमान ने सफल लैंडिंग भी की। इसरो ने आज सुबह 7 बजे कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (एटीआर) में आयोजित इस परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा किया। आरएलवी लेक्स-02 लैंडिंग प्रयोग के माध्यम से लॉन्च कर, री-यूजेबल लॉन्च व्हीकल (आरएलवी) प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
ये है खासियत
- पुष्पक एक री-यूजेबल लॉन्चिंग विमान है। यह पंखो वाला हवाई जहाज जैसा दिखने वाला विमान है। 6.5 मीटर की लंबाई वाले इस विमान का वजन 1.75 टन है।
- आज इस विमान का ज्यादा जटिल परिस्थितियों में रोबोटिक लैंडिंग क्षमता का परीक्षण किया गया।
- ये अंतरिक्ष तक पहुंच को किफायती बनाने में काफी कारगर साबित हो सकता है।
- ये रियूजेबल लॉन्चिंग व्हीकल है, जिसका ऊपरी हिस्सा सबसे महंगे उपकरणों से लैस होता है। इसे धरती पर वापस लाकर रियूजेबल बनाया जाता है, जिससे ये किफायती साबित होता है।
- सबसे बड़ी खासियत इसकी यह है कि ये अंतरिक्ष में मलबे को कम करेगा। यह बाद में अंतरिक्ष में किसी सैटेलाइट में इंधन भरने या किसी सैटेलाइट को ठीक करने के लिए वापस लाने में भी मदद करेगा।
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