अनंत चतुर्दशी से शुरू होने वाली विश्वप्रसिद्ध रामनगर की रामलीला में मुख्य स्वरूपों का चयन रविवार को हो गया। मारूफपुर, सैदपुर (चंदौली) के अथर्व पांडेय श्रीराम की भूमिका निभाएंगे। वह पिछली बार सीता के रोल में थे।
रविवार को 17 सितंबर से शुरू होने वाली रामलीला के लिए बालकों के चयन पर अंतिम मुहर लग गई। रामनगर किले में कुंवर अनंत नारायण सिंह की मौजूदगी में दूसरे और अंतिम दौर की स्वर परीक्षा के बाद पांच बालकों का चयन किया गया। जानकी की भूमिका में जगतपुर वाराणसी के आदित्य मिश्रा रहेंगे।
प्रह्लादघाट के देवराज त्रिपाठी भरत और गोधना चंदौली के सूरज पाठक लक्ष्मण बनेंगे। नारायनपुर मिर्जापुर के ओम उपाध्याय शत्रुघ्न की भूमिका के लिए उपयुक्त पाए गए।
इस बार खास यह रहा कि तीन बच्चों को लगातार दूसरे साल मुख्य स्वरूपों के लिए चुना गया। अथर्व के अलावा देवराज त्रिपाठी पिछले साल भी भरत की भूमिका में थे। वहीं, लगातार दो साल शत्रुघ्न की भूमिका निभाने वाले सूरज पाठक को इस बार लक्ष्मण की भूमिका के लिए चुना गया।
चयनित सभी बालक 15 साल की आयुवर्ग के हैं। स्वर की कोमलता और भाव संप्रेषण की क्षमता के आधार पर 19 बालकों के बीच इनका चयन किया गया। इनसे संस्कृत के श्लोक और मानस की चौपाइयों का सस्वर पाठ कराया गया। उसके बाद कुंवर ने अंतिम सूची पर मुहर लगा दी।
अब 24 जुलाई को प्रथम गणेश पूजन के बाद चयनित बालकों का बलुआघाट धर्मशाला में रामलीला व्यास रघुनाथ दत्त के सानिध्य में प्रशिक्षण शुरू होगा, जो रामलीला की समाप्ति तक अनवरत चलेगा।
इस पूरी अवधि तक ये पांचों बालक अपने घर-परिवार से दूर रहेंगे और व्यासों के संरक्षण में अपनी-अपनी भूमिकाओं को आत्मसात करेंगे। संवादों को कंठस्थ करने के अलावा भाव भंगिमाओं के संप्रेषण का अभ्यास करेंगे। किले में हुए चयन के दौरान काशी राज परिवार के अनंत नारायण सिंह के अलावा व्यास रघुनाथ दत्त, संपत व्यास, आदित्य दत्त व्यास, शिवदत्त, कृष्णदत्त, मनोज श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।
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