बदरीनाथ हाईवे पर पातालगंगा भूस्खलन क्षेत्र पांच साल बाद फिर सक्रिय हो गया है। यहां हल्की सी बारिश होने पर भी मलबा हाईवे पर आ रहा है। चट्टानी भाग होने के कारण यहां वाहनों की आवाजाही खतरे के बीच हो रही है। यहां मौजूदा 150 मीटर लंबी हाफ सुरंग में भी मलबा घुसने से दोपहिया वाहन फिसल रहे हैं।
पातालगंगा में चट्टान से वर्ष 1999 से भूस्खलन शुरू हुआ था। यहां बरसात में कई दिनों तक हाईवे बंद रहता था जिसे देखते हुए वर्ष 2019 में एनएचआईडीसीएल (राष्ट्रीय राजमार्ग एवं ढांचागत विकास) की कार्यदायी संस्था भारत कंस्ट्रक्शन की ओर से यहां 150 मीटर लंबी हाफ सुरंग का निर्माण किया गया लेकिन सुरंग कुछ सालों में ही क्षतिग्रस्त होने लगी।
अब स्थिति यह है कि इस बरसात में यहां फिर से भूस्खलन होना शुरू हो गया है। चट्टान के शीर्ष भाग से मलबा सीधे हाईवे पर गिर रहा है जिससे वाहनों की आवाजाही रोकनी पड़ रही है।
प्रभारी मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के प्रतिनिधि तारेंद्र प्रसाद थपलियाल का कहना है कि पातालगंगा सुरंग का निर्माण आधा-अधूरा किया गया है जिससे चट्टान से आ रहा मलबा हाईवे पर आ रहा है। इसके निर्माण की जांच की जानी चाहिए।
इधर, एनएचआईडीसीएल के डीजीएम सुशील वर्मा का कहना है कि कार्यदायी संस्था को भूस्खलन क्षेत्र के ट्रीटमेंट, मलबे का निस्तारण करने और सुरंग की मेंटीनेंस के निर्देश दिए गए हैं। जल्द सुरंग के अंदर से मलबा भी हटा दिया जाएगा।
बता दें कि बदरीनाथ हाईवे कई जगहों पर धंस रहा है। इस पूरे क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही खतरनाक बनी हुई है।
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