दिल्ली की घटना के बाद पटना के कोचिंग संचालकों पर पटना जिला प्रशासन लगातार सख़्त है। मंगलवार को पटना एसडीएम के नेतृत्व में 25 से 30 कोचिंग संस्थाओं की जांच की गई। इस जांच में पटना के कई नामी कोचिंग संस्था मानक पर खड़े नहीं उतरे। जांच के बाद बुधवार को पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह की बुधवार को शहर के कोचिंग संस्थानों के संचालकों के साथ बैठक हुई।
‘एक महीने में सुधारें हालात’
इस बैठक में पटना एसएसपी, पटना नगर निगम आयुक्त, शिक्षा विभाग के अधिकारी सहित अग्निशमन विभाग के अधिकारी शामिल रहे। बैठक के बाद पटना के जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर ने कहा कि जिले में जो कोचिंग संस्थान है, उनके प्रतिनिधियों और कोचिंग एसोसिएशन के साथ हमने बैठक किया है। जो अपेक्षा है हम लोगों की वो हम लोगों ने बताया है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए जो जरूरी चीज हैं, उसका अनुपालन करें और जिनका निबंध नहीं है उनको एक महीने का समय दिया है कि निबंध करवा लें। निबंध करने का जो क्राइटेरिया है, वह बताया गया है। अग्नि सुरक्षा की व्यवस्था, एग्जिट और एंट्री की व्यवस्था और जो स्टूडेंट की बैठने की व्यवस्था है, वो बताया गया है। जितनी क्षमता है उतना ही स्टूडेंट का बैच बनाएं और जो हम लोगों का अधिनियम है कि एक स्टूडेंट के लिए एक वर्ग मीटर का जगह होना चाहिए क्लास रूम में वो पूरा करें। जो इंस्पेक्शन में आ रहा है, उसमें हम लोग देख रहे हैं कि उसका वायलेशन हो रहा है। बहुत संख्या में कुर्सियां लगा लगा दी जा रही हैं, जिसमें आने-जाने में भी दिक्कत हो रही है। उन्होंने कहा कि सभी कोचिंग संस्थानों को एक महीने का समय दिया है ताकि वे अपनी कमियों को दूर कर सकें।
जिलाधिकारी ने बताया कि कोचिंग एसोसिएशन की ओर से भी कुछ बातें बताई गई है, जिसमें रजिस्ट्रेशन में विलंब की बात बताई गई है कि बहुत दिनों से रजिस्ट्रेशन के लिए एप्लीकेशन दिया गया है, लेकिन अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है। इसके लिए हम लोग साप्ताहिक बैठक करके सुनिश्चित करेंगे। जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है। दूसरी बात इन लोगों को फायर सेफ्टी और ऑडिट सर्टिफिकेट मिलने में दिक्कत को लेकर थी। इसके लिए जिला फायर ऑफिसर को निर्देशित किया गया है।
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