हरियाणा विधानसभा के चुनावी अखाड़े में दिल्ली के दिग्गज भी उतरेंगे। इसे लेकर भाजपा रणनीति तैयार कर रही है। सातों सांसदों के जातिगत समीकरण के ध्यान में रखकर चुनाव प्रचार में उतारा जाएगा ताकि दिल्ली से सटे हरियाणा की सीमाओं के वोटरों को लामबंद कर सकें।
जाट, गुर्जर, बाल्मीकि, व्यापारी वर्ग समेत पूर्वांचलियों को साधने के लिए भाजपा के ये दिग्गज वोट बटोरने के लिए बतौर स्टार प्रचारक की भूमिका में दिखेंगे। दरअसल हरियाणा चुनाव जीतना भाजपा के लिए इसलिए भी जरूरी है कि इसके बाद दिल्ली विधानसभा का चुनाव होना है। हरियाणा विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। दिल्ली का पड़ोसी राज्य और एनसीआर क्षेत्र में शामिल कई विधानसभा क्षेत्र आता है।
ऐसे में शीर्ष नेतृत्व चुनाव प्रचार के लिए दिल्ली के सांसदों का प्रयोग करने की तैयारी में है। सांसद बांसुरी स्वराज और मनोज तिवारी की भूमिका इसमें अहम होगी। स्वराज जहां अंबाला की बेटी के तौर चुनावी प्रचार अभियान में उतरेंगी, वहीं मनोज तिवारी पूर्वांचलियों को एकजुट करते दिखेंगे।
राजनीतिक सूत्रों की माने तो दक्षिणी दिल्ली के सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी का संसदीय क्षेत्र फरीदाबाद की सीमा से जुड़ा है। ऐसे में वह गुर्जर मतदाताओं को लामबंद करते दिखाई पड़ सकते है। इसी तरह पश्चिमी दिल्ली की सांसद कमलजीत सहरावत जाट मतदाताओं के बीच अपनी पैठ बढ़ाएंगी। इसी संसदीय क्षेत्र के पूर्व सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा का इस्तेमाल भी पार्टी करेगी।
उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के सांसद योगेंद्र चंदोलिया को आरक्षित वर्ग को साधने के लिए प्रचार का कमान सौंपा जाएगा वहीं चांदनी चौक के सांसद प्रवीण खंडेलवाल व्यापारी वर्ग में अपनी पहुंच बढ़ाएंगे। सांसद बनने के पूर्व खंडेलवाल व्यापारी संगठनों की राजनीति पिछले कई वर्षो से करते आ रहे थे। केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा हरियाणा के पंजाबी वर्ग में अपनी पहुंच बढ़ाएंगे।
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