गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग नेताला, लालढांग के पास मलबा व पत्थर आने के कारण बाधित है। बीआरओ को मार्ग बंद होने की सूचना दी गई है। प्रदेश के पर्वतीय जिलों में आज भी बारिश का सिलसिला जारी है। अभी बारिश से राहत मिलने की आसार नहीं है।
मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से देहरादून समेत हरिद्वार, पौड़ी, बागेश्वर, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर जिले के अधिकतर हिस्सों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ के कुछ इलाकों में तेज बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन सभी जिलों में तेज हवा चलने के साथ कई दौर की भारी बारिश होने के आसार हैं। मौसम वैज्ञानिकों ने संवेदनशील इलाकों में सतर्कता से रहने की हिदायत दी है।
मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार भारी से भारी बारिश की चेतावनी के चलते प्रदेश के सभी जिलों में शुक्रवार को स्कूल बंद रखने का फैसला लिया गया है। जिला प्रशासनों ने बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर 12वीं तक के सभी तरह के स्कूल बंद रखने का आदेश जारी किया गया है।
राज्य में बारिश और भूस्खलन से 168 मार्ग बंद हैं। इसमें राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग, बार्डर रोड से लेकर ग्रामीण मोटर मार्ग शामिल हैं। सबसे अधिक प्रभावित चमोली जिला है।
यहां पर 29 ग्रामीण मोटर मार्ग, एक राज्य मार्ग और एक मुख्य जिला मार्ग बंद है। चंपावत में 22, नैनीताल में 20, पिथौरागढ़ में 19, टिहरी में 17, रुद्रप्रयाग में 15, पौड़ी गढ़वाल में 13, अल्मोड़ा में नौ, देहरादून में आठ, उत्तरकाशी और बागेश्वर में छह-छह और ऊधम सिंह नगर में दो मार्ग बंद हैं।
मार्ग बंद होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा। वहीं लोक निर्माण विभाग के अनुसार, बाढ़ और बारिश से अब तक 50 पुलों को नुकसान पहुंचा है। इसमें 15 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 35 पुल आंशिक क्षतिग्रस्त हैं। लोनिवि ने मार्गाें, सेतुओं और भवनों को पूर्व की स्थिति में लाने के लिए 35,008.67 लाख खर्च होने का अनुमान लगाया है।
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