वृंदावन में धर्म रक्षा संघ की संगोष्ठी बुधवार को परिक्रमा मार्ग स्थित श्रीभागवत मंदिरम में महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज की अध्यक्षता में हुई। इसमें तिरुपति बालाजी मंदिर की घटना के बाद देशभर के मंदिरों की प्रसाद व्यवस्था में बड़े बदलाव कराए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया।
धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने कहा कि धर्म रक्षा संघ सनातन धर्म से जुड़े बड़े संगठन, अखाड़ा परिषद, अखिल भारतीय संत समिति, श्रीकाशी विद्युत परिषद, चारों शंकराचार्यों के साथ प्रमुख धर्माचार्यों एवं साधु-संतों के सानिध्य में हिंदू आस्था के अनुसार प्रसाद चढ़ाने और ग्रहण करने की सनातनी और परम शुद्ध व्यवस्था की रूपरेखा तैयार करेगा।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महंत देवानंद परमहंस ने कहा कि भारत के सभी मंदिरों में पंचमेवा एवं इलायची दाने और मिश्री के साथ ऋतु फलों का प्रसाद भक्तों को मिलना चाहिए यही हमारी प्राचीन पद्धति भी है। मार्गदर्शक महंत मोहिनी बिहारी शरण ने कहा कि मंदिरों के प्रसाद व्यवस्था में अब बड़े बदलाव की आवश्यकता है। भक्तों को बांटने के लिए पंचमेवा, मिश्री, बताशा एवं फलों का प्रसाद परम शुद्ध है।
राष्ट्रीय संयोजक आचार्य बद्रीश महाराज ने कहा कि भगवान को शुद्ध और सात्विक प्रसाद अर्पण हो इसके लिए धर्म रक्षा संघ सात्विक भोग चढ़ाने का खाका तैयार कर रहा है। संगोष्ठी में महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज, धर्म रक्षा संघ के महामंत्री श्रीदास प्रजापति, रविकांत गौतम, ब्रजकिशोर पचौरी, अमित कृष्ण शास्त्री, ध्रुव शर्मा मयंक दीक्षित आदि उपस्थित थे।
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