बिहार के जल संसाधन एवं संसदीय कार्य विभाग मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि राज्य में बाढ़ के स्थाई समाधान के लिए चार नए बैराज का निर्माण होगा। चौधरी ने सोमवार को विभाग के वरीय अधिकारियों के साथ दरभंगा जिले के किरतपुर प्रखंड अन्तर्गत तेतरी गांव के पास पश्चिमी कोशी तटबंध के टूटान स्थल का निरीक्षण किया और स्थानीय लोगों से फीडबैक लिया।
मंत्री विजय चौधरी ने बाद में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में बाढ़ के प्रभाव को लगातार कम करना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। इसके लिए पिछले वर्षों में नदियों की तटंबधों के ऊँच्चीकरण, सुद्दढ़ीकरण और उसके ऊपर से रोड बनाने सहित कई कार्य किए गए है। इस वर्ष के केन्द्रीय बजट में पहली बार बिहार की बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान के तहत ढ़ेंंग, तैयबपुर, अरेराज और डगमारा में बराज निर्माण की योजना बनाई जा रही है। इन चार बराजों का निर्माण होने से बाढ़ का प्रभाव काफी कम हो जाएगा। बिहार के बाढ़ के स्थाई सामाधान के लिए नेपाल में हाई डैम्प का निर्माण जरूरी है। यह अर्तराष्ट्रीय मामला है, जिसके लिए केन्द्र सरकार के स्तर से प्रयास किए जा रहे है।
चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति होनी चाहिए, इसके लिए बिहार सरकार ने केन्द्र सरकार को अपना मतंव्य भी दिया है। बिहार में नदियों से गाद निकालने में काफी फायदा होगा। इसको लेकर कोशी तटबंध के कटाव स्थल पर सरकारी टीम के द्वारा निरीक्षण और जांच की गयी है। मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि राज्य की निधि पर बाढ़ पीड़ितों का पहला हक है। जिला प्रशासन के द्वारा बाढ़ पीड़ितों के बीच अधिकाधिक मदद पहुँचायी जा रही है। आबादी से बाढ़ का पानी निकालना चुनौती है, जिसको जिला प्रशासन अवसर के रूप में परिवर्तित कर रहा है। जल संसाधन मंत्री ने कहा कि तटबंध के जिन स्थलों पर पानी ओवरफ्लो की घटना हुई, वहां तटबंधों के ऊंच्चीकरण और सुद्दढ़ीकरण करने का निर्देश दिया गया है। जिले के चारों प्रखंड किरतपुर, गौड़ाबौराम, घनश्यामपुर और कुशेश्वरस्थान पूर्वी में बाढ़ से प्रभावित लोगों को सूखा राशन और फूड पैकेट भरपूर मात्रा में दिया जा रहा है, इसके लिए बिहार सरकार के पास निधि की कमी नहीं है।
Fark India | National Hindi Magazine Hindi Magazine and Information Portal