महसी तहसील क्षेत्र के महाराजगंज कस्बे में हुई हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के घर पर जल्द ही योगी सरकार का बुल्डोजर चलने जा रहा है। शुक्रवार की शाम लोकनिर्माण विभाग द्वारा इनके घर पर अतिक्रमण को लेकर नोटिस चस्पा की गई है। यदि तीन दिनों में इनके द्वारा इसका जवाब न दिया गया तो पूरे घर को ध्वस्तीकरण करने की कार्रवाई होगी। इसके साथ ही यहां के करीब 30 घरों पर यह नोटिस चस्पा हो रही है। ऐसे में इन सभी के खिलाफ बुल्डोजर एक्शन होना तय माना जा रहा है। यह सभी इस हिंसा में शामिल आरोपियों के ही घर बताए जा रहे है। वहीं इस मामले में लापरवाही मिलने पर एएसपी को भी हटाने की तैयारी है। जबकि तहसीलदार को डीएम कार्यालय अटैच कर दिया गया है।
शुक्रवार की शाम पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड की टीम ने महाराजगंज गांव में हिंसा के नामजद आरोपी अब्दुल हमीद सहित करीब 30 घरों की नापजोख की है। उनके अवैध होने व अतिक्रमण हटाने का नोटिस भी चस्पा की गई है। सूत्रों के अनुसार औपचारिकताएं पूरी कर शीघ्र इन पर बुलडोजर की कार्यवाही की जा सकती है। सूत्रों का यह भी कहना है कि सबसे पहले कार्यवाही अब्दुल हमीद के घर पर हो सकती है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि नापजोख हुई है, जो अधिकारी नाप जोख करने आए थे उनका कहना था कि सड़क किनारे बने अब्दुल हमीद सहित काफी सारे मकान इस तरह अवैध बने हैं कि उनके कारण कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है, इन मकानों को गिराने की बात भी की जा रही थी। बता दें कि अब्दुल हमीद वही नामजद आरोपी है जिसके घर में रामगोपाल मिश्र की गोली मारकर हत्या की गई है।
सड़क चौड़ीकरण के लिए हटेगा अतिक्रमण
लोकनिर्माण विभाग प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता प्रदीप कुमार ने बताया कि महसी की तरफ जाने वाला मुख्य मार्ग महाराजगंज कस्बे से निकला हुआ है। इस मार्ग का चौड़ीकरण कराया जाना है। ऐसे में 50 मीटर के दायरे में जो भी अवैध निर्माण है उसको हटाने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि इसके लिए नाप-जोख की प्रक्रिया काफी पहले की जा चुकी है। बताया कि जिन लोगों ने अवैध निर्माण कर रखा है उनको शुक्रवार को नोटिस जारी की गई है। इनके द्वारा यदि समय पर जवाब नहीं दिया जाएगा तो विभाग द्वारा आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एएसपी पर भी गिरेगी गाज, तहसीलदार हटे
महराजगंज हिंसा के दौरान जब बहराइच में प्रदेश के एडीजी लाइन ऑर्डर व एसटीएफी यूपी के चीफ अमिताभ एस पहुंचे थे तो उनको ड्यूटी के दौरान एक एएसपी लापरवाही करते मिले थे। पुलिस विभाग से जुड़े विश्वस सूत्र बताते है कि इन एएसपी के बारे में शासन को रिपोर्ट उच्चाधिकारियों ने भेजी है जिससे इन पर कार्रवाई हो सकती है। रिपोर्ट में बताया गया है कि जहां हिंसा हो रही थी वहां पर मामले को संभालने के बजाय एएसपी पुलिस फोर्स लेकर काफी दूर खड़े थे। इसके बाद एसटीएफ चीफ ने पहुंचकर वहां मामला संभाला था। बता दें कि इसी मामले में लापरवाही पर सीओ रूपेंद्र गौड़ को शासन स्तर से निलंबित किया जा चुका है। वहीं महसी तहसीलदार रविकांत द्विवेदी को भी लापरवाही के चलते वहां से हटाकर डीएम कार्यालय अटैच कर दिया गया है। इसके अलावा अन्य कई लापरवाह अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ भी जल्द ही शासन स्तर से बड़ी कार्रवाई होने की बात कही जा रही है।
बोली डीएम, हटना है अतिक्रमण
महराजगंज कस्बे में सड़क का चौड़ीकरण होना है, उसके चलते अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जानी। इसके लिए लोकनिर्माण विभाग व तहसील प्रशासन के स्तर पर काम किया जा रहा है। हिंसा प्रभावित इलाके में जो भी नुकसान हुआ है उसका भी टीमें आंकलन कर रही है। जो भी दोषी है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।- मोनिका रानी, डीएम
महराजगंज में सिर्फ कमांडो व पुलिस के बूटों की धमक
महसी के महराजगंज में हिंसा पर काबू पाने के बाद भी छठे दिन शुक्रवार को सन्नाटा पसरा रहा। आईपीएस अफसरों, कमांडो व पुलिस फोर्स के बूटों की खट-खट लोगों को राहत देती रहीं, लेकिन डर और आशंका के बीच ज्यादातर लोग अपने-अपने घरों में कैद रहे। कस्बे में सिर्फ दो-चार ही दुकानें खुलीं।
प्रशासन ने हालात को नियंत्रण में करने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन लोगों में डर अभी भी बना हुआ है। जिला प्रशासन ने तीन दिन पहले लोगों के साथ बैठक कर दुकानें खोलने की अपील की थी। मुस्लिम धर्मगुरुओं के लगातार शांति बनाए रखने की अपील के बाद बृहस्पतिवार को बाजार की कुछ दुकानें खुलीं, लेकिन शुक्रवार को आईपीएस अफसर के नेतृत्व में कमांडो व पुलिस फोर्स के बूटों की धमक के कारण शायद लोगों ने दुकानें बंद कर रखी थीं।
आरोपी के घर के पास बंद रही मस्जिद, तैनात रहे कमांडो
शुक्रवार को जुमे की नमाज सकुशल संपन्न कराने से पहले जिला प्रशासन ने महराजगंज में भारी पुलिस फोर्स तैनात की थी कि नमाज पढ़ने में किसी को कोई दिक्कत न हो। लेकिन बीते रविवार को हुई हिंसा के खौफनाक मंजर को याद कर आरोपी के घर के सामने शायद लोग नमाज पढ़ने के लिए स्वयं मस्जिद नहीं आए। वहीं लोगों में यह भी चर्चा रही कि मस्जिद के इमाम के न होने की वजह से नमाज पढ़ने कोई नहीं आया। वहीं पूरे महराजगंज कस्बे में सन्नाटा छाया रहा। इसके चलते किसी भी मस्जिद में नमाज नहीं हो सकी। यहां पर मुख्य आरोपी के घर के बाहर भी पुलिस व एटीएस व एसटीएफ के सशस्त्र कमांडो तैनात रहे।
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