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क्या घर की हवा साफ करने के लिए सिर्फ Air Purifier का इस्तेमाल है काफी?

बढ़ता वायु प्रदूषण चिंता का विषय बन चुका है। हवा का बढ़ता AQI दमघोटू होता जा रहा है। इस वजह से सांस लेने में तकलीफ, खांसी, गले में खराश और आंखों में जलन जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। आपको बता दें कि हवा में मौजूद प्रदूषक के छोटे कण, खासकर 2.5 PM ब्लड में भी घुस सकता है, जो आगे चलकर ऑर्गन डैमेज की वजह बन सकता है। इसलिए प्रदूषण से बचाव (Tips To Reduce Air Pollution) करना बेहद जरूरी है।
वायु प्रदूषण सिर्फ घर के बाहर ही नहीं, बल्कि अंदर भी आपको अपना शिकार बना सकता है। इसलिए घर के भीतर की हवा को भी शुद्ध रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए लोगों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल काफी बढ़ रहा है। जैसे-जैसे प्रदूषण बढ़ने लगता है, बाजारों में एयर प्यूरीफायर की बिक्री भी बढ़ जाती है। हालांकि, ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करना (Are Air Purifiers Effective) प्रदूषण कम करने के लिए कारगर है भी या नहीं। या इसके अलावा और भी कुछ एहतियात बरतने (Tips To Prevent Indoor Air Pollution) की जरूरत है? आइए इस बारे में जानते हैं।
क्या एयर प्यूरीफायर कारगर है?

एयर प्यूरीफायर हवा में मौजूद धूल, धुआं, पोलन और अन्य हानिकारक कणों को फिल्टर करके हवा को शुद्ध करते हैं। इसलिए डॉ. विपुल गुप्ता (पासर हॉस्पिटल, गुरुग्राम के न्यूरोइंवेंशन के ग्रुप डायरेक्टर) भी बताते हैं कि हानिकारक कणों, धूल-मिट्टी, पेट के फर और कुछ बैक्टीरिया व वायरस को भी साफ करने में एयर प्यूरीफायर कारगर होता है।

ध्यान रखने वाली बात ये भी है कि अगर इसकी सही मेंटेनेंस न हो या रूम के आकार के हिसाब से इसका फिल्टर का साइज न हो या फिल्टर सही न हो, तो ये बेअसर साबित हो सकता है। हालांकि, हेपा फिल्टर वाले एयर प्यूरीफायर हवा को साफ करने में काफी हद तक कारगर माने जाते हैं, लेकिन सिर्फ एयर प्यूरीफायर घर के भीतर के प्रदूषण को कम करने में कारगर नहीं है। इसलिए वेंटिलेशन की सही सुविधा और घर के अंदर प्रदूषण कम करने के अन्य तरीकों को फॉलो करना जरूरी है।

एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल कैसे करें?
एयर प्यूरीफायर का पूरा लाभ उठाने के लिए जरूरी है कि इसे कम से कम 8-12 घंटे दिन में चलाएं। इसके लगातार इस्तेमाल से ही घर के अंदर की हवा को साफ रखा जा सकता है, खासकर जिन इलाकों में प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा है या दिन के उस समय में जब AQI सबसे अधिक होता है।

और किन बातों का रखें ध्यान

  • वेंटिलेशन- घर की खिड़कियां खोलकर घर में हवा को आने-जाने का रास्ता दें। इससे घर में ताजी हवा आएगी और धूल-मिट्टी बाहर होगी।
  • स्मोकिंग न करें- सिगरेट और अन्य धूम्रपान उत्पादों से निकलने वाला धुआं हवा को प्रदूषित करता है।
  • खाना बनाते समय चूल्हे के ऊपर हुड का इस्तेमाल करें- खाना बनाते समय चूल्हे के ऊपर हुड का इस्तेमाल करने से हवा में फैलने वाले तेल और धुएं को कम किया जा सकता है।
  • पालतू जानवरों को साफ रखें- पालतू जानवरों के बाल और रूसी हवा में एलर्जेंस बढ़ा सकते हैं।
  • मोमबत्ती आदि न जलाएं- मोमबत्ती और अगरबत्ती न जलाएं। इनका धुआं हवा को प्रदूषित कर सकता है।
  • घर को नियमित रूप से साफ करें- धूल, मिट्टी और अन्य एलर्जेंस को कम करने के लिए घर को नियमित रूप से साफ करें। इसके लिए वैक्यूम क्लीनर का इस्तेमाल करना ज्यादा कारगर है।
  • पौधे लगाएं- स्नेक प्लांट, स्पाइडर प्लांट, ऐलोवेरा जैसे इंडोर प्लांट्स लगाएं। ये हवा के प्रदूषण को कम करने और ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने में मदद करते हैं।

एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

  • सही एयर प्यूरीफायर का चुनाव- अपने घर के आकार और हवा की क्वालिटी के आधार पर सही एयर प्यूरीफायर चुनें।
  • फिल्टर को नियमित रूप से बदलें- एयर प्यूरीफायर के फिल्टर को नियमित रूप से बदलें ताकि ये बेहतर तरीके से काम कर सके।
  • एयर प्यूरीफायर को सही जगह पर रखें- एयर प्यूरीफायर को ऐसे स्थान पर रखें जहां हवा का प्रवाह अच्छा हो।
  • एयर प्यूरीफायर को नियमित रूप से साफ करें- एयर प्यूरीफायर को नियमित रूप से साफ करें ताकि इसमें धूल न जमे।