उत्तर प्रदेश में अवैध नशे के खिलाफ योगी सरकार ने अपना अभियान और तेज कर दिया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर एएनटीएफ और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) की टीमों ने पूरे प्रदेश में एक साथ ताबड़तोड़ छापेमारी की। अधिकारियों के अनुसार, इस अभियान का मुख्य लक्ष्य कोडीनयुक्त कफ सिरप और नारकोटिक श्रेणी की दवाओं के अवैध भंडारण, खरीद-बिक्री और वितरण पर रहा। अब तक प्रदेश में 128 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और आधा दर्जन से ज्यादा तस्कर गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
दो दर्जन मेडिकल स्टोर्स पर बिक्री रोक
अभियान के दौरान कई जिलों में संदिग्ध रिकॉर्ड मिलने पर दो दर्जन से अधिक मेडिकल स्टोर्स पर कोडीन सिरप और नारकोटिक दवाओं की बिक्री रोक दी गई। यह प्रतिबंध जांच पूरी होने तक जारी रहेगा।FSDA के आयुक्त डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि प्रदेश के सैकड़ों प्रतिष्ठानों पर छापेमारी और निरीक्षण किए गए हैं। जहां भी गड़बड़ी मिली, वहां एनडीपीएस एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जा रही है।सरकार ने आम जनता के लिए शिकायत दर्ज कराने के व्हाट्सऐप नंबर 8756128434 भी जारी किया है, ताकि लोग सीधे सूचना भेज सकें।
वाराणसी में सबसे ज्यादा कार्रवाई
एफआईआर के आंकड़े बताते हैं कि सबसे ज्यादा 38 मामले वाराणसी में दर्ज किए गए। इसके बाद जौनपुर में 16, कानपुर नगर में 8, गाजीपुर में 6 और लखनऊ और लखीमपुर खीरी में 4-4 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इसके अलावा प्रदेश के 23 अन्य जिलों—जैसे बहराइच, बिजनौर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सीतापुर, सोनभद्र, बलरामपुर, रायबरेली, संतकबीर नगर, हरदोई, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, उन्नाव, बस्ती, आजमगढ़, सहारनपुर, बरेली, सुल्तानपुर, चंदौली और मीरजापुर—में कुल 52 एफआईआर दर्ज की गई हैं।
सरकार का संदेश: कोई नहीं बचेगा
सरकार ने साफ कहा है कि नशे के अवैध कारोबार में लिप्त किसी को नहीं छोड़ा जाएगा। पूरे प्रदेश में जीरो टॉलरेंस नीति लागू है और इस अभियान को और तेज किया जाएगा।
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