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दिल्ली में कड़ाके की ठंड से थोड़ी राहत, मुंडका की हवा सबसे ‘जहरीली’

रविवार सुबह राजधानी के न्यूनतम तापमान में कुछ वृद्धि हुई है, लेकिन अधिकांश स्थानों पर कोहरे की परत छाई रही। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार बृहस्पतिवार व शुक्रवार को इस वर्ष दिसंबर की अब तक की सबसे ठंडी सुबह रही और पारा 5.6 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था। शनिवार सुबह से इसमें वृद्धि हो रही है।

सोमवार को न्यूनतम तापमान 6.8 डिग्री सेल्सियस और रविवार को आठ डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। वहीं, वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 305 रहा, जो कल से थोड़ा कम है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सुबह 7 बजे के आंकड़ों के अनुसार, मुंडका में एक्यूआई सबसे अधिक 365 दर्ज किया गया। दिल्ली के 39 निगरानी केंद्रों में से 26 ने वायु गुणवत्ता को बहुत खराब श्रेणी में बताया, जबकि शेष 13 ने इसे खराब स्तर पर दर्ज किया।

बहुत खराब वायु गुणवत्ता वाले स्टेशनों में आरके पुरम (326), पंजाबी बाग (320), चांदनी चौक (308), रोहिणी (341), विवेक विहार (304), बवाना (352), सिरीफोर्ट (318), वजीरपुर (337), आनंद विहार (327), अशोक विहार (325) और सोनिया विहार (320) शामिल हैं। खराब वायु गुणवत्ता की रिपोर्ट करने वाले स्थानों में अलीपुर (282), एनएसआइटी द्वारका (239), मंदिर मार्ग (212), आईजीआई हवाई अड्डा (227), आया नगर (263) सहित आठ अन्य स्टेशन शामिल हैं।

सीपीसीबी मानकों के अनुसार, 0-50 के बीच एक्यूआई ‘अच्छा’, 51-100 ‘संतोषजनक’, 101-200 ‘मध्यम’, 201-300 ‘खराब’, 301-400 ‘बहुत खराब’ और 401-500 ‘गंभीर’ माना जाता है।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में पूरे सप्ताह उतार-चढ़ाव देखने को मिला। रविवार को एक्यूआई 279, सोमवार को 304, मंगलवार को बढ़कर 372 और बुधवार को 342 दर्ज किया गया। बृहस्पतिवार को यह 304, शुक्रवार को 327 और शनिवार को 333 के साथ ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहा।

कहां कितना है एक्यूआई?
इलाका एक्यूआई
आनंद विहार 327
बवाना 352
बुराड़ी 319
चांदनी चौक 308
द्वारका 309
दिल्ली एयरपोर्ट 227
आईटीओ 307
जहांगीरपुरी 336
लोधी रोड 281
मुंडका 365
रोहिणी 341
विवेक विहार 304
वजीरपुरी 337
नोएडा सेक्टर-62 272
गाजियाबाद, वसुंधरा 324
इंदिरापुरम 268
गुरुग्राम सेक्टर-51 234
फरीदाबाद सेक्टर-11 180
किस स्रोत से कितना प्रदूषण?
आईआईटीएम-पुणे के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (डीएसएस) के अनुसार, प्रदूषण में वाहनों से होने वाले उत्सर्जन का स्थानीय स्तर पर सबसे बड़ा योगदान 14.8% वाहनों का रहा। इसके बाद दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में स्थित औद्योगिक ईकाईयों का 7.3%, आवासीय स्रोत का 3.6% और निर्माण का 2% योगदान रहा।