सर्दियों का मौसम डायबिटीज के मरीजों के लिए अक्सर एक बड़ी चुनौती लेकर आता है, क्योंकि इस दौरान उनका ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगता है। यह केवल खानपान की आदतों के कारण नहीं होता, बल्कि इसके पीछे कई जटिल शारीरिक और जीवनशैली से जुड़े कारण होते हैं। पहला और सबसे महत्वपूर्ण कारण है शारीरिक गतिविधि में कमी। ठंडे मौसम के कारण लोग घर के अंदर अधिक समय बिताते हैं और उनकी रोजाना की कसरत कम हो जाती है।
जब शरीर निष्क्रिय होता है, तो मांसपेशियां रक्त से ग्लूकोज को अवशोषित नहीं कर पाती, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। दूसरा प्रमुख कारण है ठंड के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया। शरीर खुद को गर्म रखने के लिए तनाव हार्मोन जैसे कोर्टिसोल और एड्रेनालिन का उत्पादन बढ़ाता है। ये हार्मोन ग्लूकोज के उत्पादन को उत्तेजित करते हैं, जिससे इंसुलिन की संवेदनशीलता कम हो जाती है और शुगर लेवल बढ़ जाता है। इन शारीरिक और व्यवहारिक बदलावों को समझना सर्दियों में डायबिटीज को नियंत्रित करने की पहली कुंजी है।
आहार और कार्बोहाइड्रेट का सेवन
सर्दियों में अक्सर लोग गरमागरम और आरामदायक खाद्य पदार्थ जैसे पकौड़े, मीठी चाय, गाजर का हलवा या अन्य हाई कार्बोहाइड्रेट और फैटी भोजन का सेवन अधिक करते हैं। ये खाद्य पदार्थ तेजी से पचते हैं और ब्लड शुगर लेवल में अचानक उछाल लाते हैं। इसके विपरीत गर्मियों में हल्के फल और सलाद का सेवन अधिक होता है। इस मौसमी आहार परिवर्तन से ब्लड शुगर को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है।
डिहाइड्रेशन और रक्त का गाढ़ापन
सर्दियों में प्यास कम लगती है, जिससे लोग अक्सर पानी कम पीते हैं और शरीर में डिहाइड्रेशन होने लगता है। जब शरीर में पानी की कमी होती है, तो खून अधिक गाढ़ा हो जाता है। इसकी वजह से खून में ग्लूकोज की सांद्रता बढ़ जाती है, जिससे शुगर लेवल बढ़ा हुआ दिखाई देता है। पर्याप्त पानी पीना इस समस्या से बचने का एक सरल तरीका है।
इंसुलिन संवेदनशीलता में बदलाव
ठंड के कारण शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव जैसे कोर्टिसोल का बढ़ने के कारण कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील हो जाती हैं। इसका मतलब है कि शरीर में इंसुलिन मौजूद होने के बावजूद, यह ग्लूकोज को कोशिकाओं में प्रभावी ढंग से प्रवेश नहीं करा पाता। इस इंसुलिन प्रतिरोध के कारण भी शुगर का लेवल उपर चला जाता है।
मौसमी संक्रमण
ठंड के मौसम में जुकाम, फ्लू और अन्य वायरल संक्रमण आम हो जाते हैं। जब शरीर किसी संक्रमण से लड़ रहा होता है, तो तनाव हार्मोन और साइटोकिन्स का स्राव बढ़ जाता है। ये दोनों चीजें शुगर लेवल को बढ़ा देती हैं।
बचाव के उपाय
सर्दियों में बढ़ते ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के लिए आपको कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है। सबसे पहले शारीरिक गतिविधि को न छोड़ें। ठंड होने पर भी घर के अंदर योगा, ट्रेडमिल या हल्की-फुल्की वॉक जरूर करें। दूसरा हाइड्रेशन पर विशेष ध्यान दें, गुनगुना पानी, हर्बल टी, या मसालेदार छाछ पिएं। तीसरा, आहार में हाई कार्बोहाइड्रेट्स वाले आरामदायक भोजन और मीठे स्नैक्स को सीमित करें, और उनकी जगह सब्जियां और फाइबर युक्त भोजन बढ़ाएं। अंत में नियमित रूप से अपनी शुगर की जांच करें और मौसम में बदलाव के साथ दवा की खुराक या जीवनशैली में जरूरी बदलाव के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
Fark India | National Hindi Magazine Hindi Magazine and Information Portal