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कई बीमारियों को जड़ से उखाड़ फेकेंगा गिलोय

आयुर्वेद में गिलोय को अमृत तुल्य माना जाता है। इसका इस्तेमाल सदियों से अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याओं के लिए किया जाता रहा है। गिलोय का जूस पीने के कई फायदे (Giloy Juice Benefits) हैं, खासकर अगर इसे नियमित रूप से 15 दिनों तक पिया जाए। आइए जानते हैं कि गिलोय का जूस आपके स्वास्थ्य को कैसे लाभ (Drinking Giloy Juice On Empty Stomach) पहुंचा सकता है। गिलोय एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसे तीता लता भी कहा जाता है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं जैसे कि एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी। इन गुणों के कारण गिलोय का इस्तेमाल (Benefits of Giloy) अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि बुखार, सर्दी, खांसी, डायबिटीज, जोड़ों का दर्द और त्वचा की बीमारियों के इलाज में किया जाता है।

15 दिनों तक गिलोय का जूस पीने से क्या होगा?

इम्युनिटी बूस्ट- गिलोय का सबसे अहम फायदा यह है कि यह इम्युनिटी को मजबूत बनाता है। नियमित रूप से गिलोय का जूस पीने से शरीर की इम्यून पावर बढ़ती है और आप अलग-अलग तरह के इन्फेक्शन से सुरक्षित रहते हैं। बुखार और सर्दी- गिलोय में एंटी-पायरेटिक और एंटी-वायरल गुण होते हैं जो बुखार और सर्दी के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। स्वस्थ पाचन तंत्र- गिलोय पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह कब्ज, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। जोड़ों का दर्द- गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। त्वचा के रोग- गिलोय का इस्तेमाल त्वचा रोगों जैसे कि एक्जिमा और सोरायसिस के इलाज में किया जाता है। यह त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाने में मदद करता है। डायबिटीज- गिलोय ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है और डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है। तनाव और चिंता- गिलोय तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है और नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है। दिल का स्वास्थ्य- गिलोय दिल के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और दिल की बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद करता है।

गिलोय का जूस कैसे बनाएं?

गिलोय का जूस बनाना बहुत आसान है। आप ताजी गिलोय की टहनी को पानी में उबालकर घर पर आसानी से बना सकते हैं। कुछ ताजी गिलोय की टहनियां लें और उन्हें अच्छी तरह धो लें। टहनियों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। आप चाहें, तो टहनी के टुकड़ों को हल्का क्रश कर लें। एक पैन में पानी लें और उसमें कटे हुए टुकड़े डालकर उबाल लें। जब पानी आधा रह जाए तो गैस बंद कर दें। ठंडा होने के बाद छानकर जूस पी लें।

किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

गिलोय का जूस पीने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय का सेवन करने से बचना चाहिए। यदि आपको कोई एलर्जी है तो गिलोय का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। गिलोय का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से दुष्प्रभाव हो सकते हैं।