न्यूज ऑफ इंडिया (एजेन्सी)
लखनऊ।।प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के संबंध में वैश्विक प्रतिबद्धता के दृष्टिगत हरित ऊर्जा की आपूर्ति पर विशेष रूप से बल दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार जलवायु परिवर्तन के वर्तमान और सम्भावित प्रभाव को महत्व देते हुए राज्य में स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए संकल्पित है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सौर ऊर्जा परियोजनाओं/जैव ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए भूमि की उपलब्धता एक बड़ी बाध्यता है। उ0प्र0 सौर ऊर्जा नीति-2022 एवं उत्तर प्रदेश जैव ऊर्जा नीति-2022 में सौर ऊर्जा परियोजनाओं/जैव ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना हेतु निजी निवेशकों को शासकीय भूमि उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था दी गयी है। निवेशकों को शासकीय भूमि उपलब्ध कराये जाने की प्रक्रिया को सुगम बनाया जा ।।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि सौर ऊर्जा परियोजनाओं/जैव ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए सार्वजनिक उपक्रमों हेतु रू0 01 प्रति एकड़/प्रतिवर्ष के सांकेतिक मूल्य पर तथा निजी निवेशकों को रू0 15000/-प्रति एकड़/प्रतिवर्ष के लीज रेन्ट पर अधिकतम 30 वर्षों के लिए भूमि उपलब्ध करायी जायेगी। निवेशक के साथ यूपी नेडा द्वारा लीज डीड हस्ताक्षरित की जायेगी। लीज डीड के निष्पादन के लिए देय स्टाम्प शुल्क या अन्य देयताओं का वहन लीज पर भूमि प्राप्त करने वाले निवेशक द्वारा किया जायेगा। लीज अहस्तान्तरणीय होगी और आगे किसी को ट्रान्सफर या सबलेट नहीं की जायेगी। लीज पर दी गई भूमि का उपयोग केवल अनुमोदित परियोजना के लिए ही किया जाएगा।
निवेशक द्वारा एक महीने के अन्दर अपनी फाइनेन्शियल नेटवर्थ, डीपीआर, बैकवर्ड एण्ड फारवर्डलिंकेज तथा अन्य सुसंगत विवरण यूपी नेडा के समक्ष प्रस्तुत करने होंगे। उसके बाद ही उच्चस्तरीय समिति के अनुमोदन के उपरान्त लीज डीड निष्पादित की जा सकेगी।
भूमि उपलब्ध कराये जाने के दो माह के अन्दर यदि निवेशक द्वारा मौके पर परियोजना के निर्माण/स्थापना की कार्यवाही आरम्भ नहीं की जाती तो निवेशक को लीज पर दी गयी भूमि यूपी नेडा द्वारा निवेशक को एक सुनवाई का अवसर देकर उच्चस्तरीय समिति के अनुमोदन के उपरान्त वापस ले ली जायेगी।
निवेशक द्वारा वार्षिक लीज रेन्ट नियमित रूप से अग्रिम के रूप में यूपी नेडा में जमा किया जायेगा। निवेशकों से प्राप्त होने वाले वार्षिक लीज रेन्ट को यूपी नेडा द्वारा सुसंगत लेखा शीर्षक के अन्तर्गत राजकोष में जमा कराया जायेगा। यूपी नेडा द्वारा इस हेतु सभी भूमि का अलग-अलग लेखा बनाकर सुरक्षित रखा जायेगा।
लीज एग्रीमेन्ट उप्र नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) एवं विकासकर्ता के बीच निष्पादित किया जाएगा।
Fark India | National Hindi Magazine Hindi Magazine and Information Portal