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पोल्ट्री फार्मर्स ने किया प्रदर्शन महानिदेशालय में आमरण अनशन की चेतावनी

 

 

लखनऊ।।कुक्कुट विकास समिति उत्तर प्रदेश एवं पूर्वांचल अंडा उत्पादक कृषक कल्याण समिति के नेतृत्व में मंगलवार को प्रदेश के सभी जिलों के पोल्ट्री फार्मर्सस ने पशुपालन निदेशालय लखनऊ मेंं प्रदर्शन किया। सरकार से मांग की कि रेट डिक्लेरेशन सिस्टम स्थापित किया जाय। सरकार को भेजे ज्ञापन में अवगत कराया कि समस्याओं के समुचित निस्तारण नहीं होने की दशा में किसान पोल्ट्री पालिसी के तहत जारी लेटर आफ कम्फर्ट 15सितम्बर 2023के बाद वापस कर देंगे। अक्टूबर में महानिदेशालय में आमरण अनशन शुरू करेंगे।

निदेशालय पर हुई सभा को संबोधित करते हुए

कुक्कुट विकास समिति के प्रदेश अध्यक्ष वी पी सिंह ने बताया कि हरियाणा स्थित बरवाला के ट्रेडर्स द्वारा जो रेट खोला जाता है उसी दर पर उत्तर प्रदेश में अंडे बेचे जाते हैं । पोल्ट्री पॉलिसी के तहत अधिक से अधिक फार्म लग सकें, इसके लिए आवश्यक है कि सरकार अंडों का लागत मूल्य आधारित रेट घोषित करे। उन्होंने कहा कि यह सेक्टर उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी एक ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का प्रमुख अंग है और इस सेक्टर पर ध्यान नहीं देने से किसान तो बदहाल होगा ही प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी भारी धक्का पहुंचेगा। अध्यक्ष सिंह ने बताया कि बाहर के प्रदेशों से गुणवत्ता विहीन अंडे बंद ट्रकों में लाए जाते हैं जो खराब गुणवत्ता के कारण सस्ते होते हैं और प्रदेश के ताजा गुणवत्ता अंडों को बाजार में बिकने के लिए उनसे प्रतिस्पर्धा करनी होती है। उन्होंने कहा कि कोल्ड स्टोरेज में रखे महीनों पुराने अंडे भी प्रदेश में भेजे जाते हैं जिसके कारण उत्तर प्रदेश के किसानों को लागत मूल्य तक नहीं मिल पा रहा है।

गुणवत्ता युक्त अंडों की बाजार में प्रतिस्पर्धा

अपर मुख्य सचिव पशुधन ने गुणवत्ता विहीन अंडों पर अंकुश लगाने के लिए 23 फरवरी 2023 को शासनादेश जारी कर यह प्रावधान किया कि बाहर से आने वाले एवं प्रदेश में उत्पादित बाहर जाने वाले अंडे रेफ्रिजरेटेड वाहन में परिवहन किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश की किसानों ने इस शासनादेश का स्वागत इस आधार पर किया था कि अब उनके गुणवत्ता युक्त अंडों की बाजार में प्रतिस्पर्धा बाहर के गुणवत्ता युक्त अंडों से ही होगी। लेकिन शासनादेश को 3 महीने के लिए स्थगित करा दिया। उत्तर प्रदेश सरकार ने शासनादेश को स्थगित करते समय किसानों एवं उपभोक्ताओं के हितों का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा। अब अंडा माफियाओं को प्रदेश के अंडा उत्पादक फार्मर्स का शोषण करने की खुली छूट मिल गई है और लगातार अंडे का रेट गिराकर प्रदेश के फार्मो को बंद कराने का कुचक्र चलाया जा रहा है। यही नहीं प्रदेश के बाहर से गुणवत्ता विहीन अंडे लाकर प्रदेश की कोल्ड स्टोरेज में भारी संख्या में रखकर जमाखोरी की जा रही है। प्रदेश के कोल्ड स्टोरेज में अंडे ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड्स एवं कोल्डस्टोरेज विनियमन अधिनियम 1976 का उल्लंघन कर रखे जा रहे हैं जो शासनादेश के प्रभावी रहते संभव नहीं था। उन्होंने मांग की कि 23 फरवरी को जारी शासनादेश किसान हित एवं उपभोक्ता हित में तुरंत बहाल किया जाय।