लखनऊ। विधान परिषद सदस्य डा. लालजी प्रसाद निर्मल पर्यावरण की रक्षा के लिए बांस की खेती को बढ़ावा देने, इस खेती के लिए आगे आने वालों को पट्टा देने,बांस शिल्प कला को प्रत्यासाहित करने और बांस शिल्प कला बोर्ड का गठन करने की मांग की है। डा. निर्मल की ओर से जनहित एवं लोक महत्व विषय पर दिए गए प्रस्ताव को सभापति ने आवश्यक कार्यवाही के लिए शासन को भेज दिया है।

डा. निर्मल ने बताया कि बांस से बने उत्पादों के जरिए अनुसूचित जाति के बंसोर, फंसफोर, धानुक, कठेरिया, धरकार आदि अपनी जीविका चलाते हैं।प्लास्टिक के बढ़ते चलन से इनका अस्तित्व संकट में है। धार्मिक आयोजन में प्रयोग होने वाले बांस समाप्त हो रहे हैं। इसलिए इसे संरक्षित करने के लिए बोर्ड का गठन किया जाए।
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