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वाराणसी: जाणता राजा देखने बीएचयू पहुंचे उप मुख्यमंत्री, पढ़े पूरी ख़बर

बीएचयू के एंफीथियेटर मैदान में बुधवार को जाणता राजा का मंचन देखने पहुंचे उप मुख्यमंत्री ने कहा कि महानाट्य का मंचन देखने पर इतिहास के दृश्य आंखों के सामने तैरते नजर आ रहे हैं। किस तरह विपरीत परिस्थितियों में भी वीर शिवाजी महाराज ने हिंदवी साम्राज्य की स्थापना कर स्वतंत्रता के संकल्प को जलाए रखा।

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि हमारी संस्कृति पर मुगलों ने हमला कर उसे मिटाने के कई प्रयास किए। इतिहास गवाह है कि हमारी संस्कृति को किस तरह तोड़ा मरोड़ा गया। लेकिन, छत्रपति वीर शिवाजी महाराज ने मुगलों की गुलामी को अस्वीकार किया और स्वतंत्रता व साम्राज्य स्थापना के संकल्प का बीज बोया। महानाट्य जाणता राजा इसका एक बेहतर उदाहरण है।

बीएचयू के एंफीथियेटर मैदान में बुधवार को जाणता राजा का मंचन देखने पहुंचे उप मुख्यमंत्री ने कहा कि महानाट्य का मंचन देखने पर इतिहास के दृश्य आंखों के सामने तैरते नजर आ रहे हैं। किस तरह विपरीत परिस्थितियों में भी वीर शिवाजी महाराज ने हिंदवी साम्राज्य की स्थापना कर स्वतंत्रता के संकल्प को जलाए रखा। उन्होंने कहा कि गोरिल्ला शैली का युद्ध और जल सेना का गठन प्रथम बार वीर शिवाजी ने ही किया। डिप्टी सीएम ने नाटक देखने पहुंचे दर्शकों से आह्वान किया कि आज आप यहां से ये संकल्प लेकर जाएं कि वीर शिवाजी का भगवा झंडा कभी झुकने नहीं देंगे। कहा कि सेवा भारती के तत्वाधान में आयोजित महानाट्य से निकली आवाज सिर्फ काशी ही नहीं पूरे प्रदेश को जगाने का कार्य करेगी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की हर मां को जीजाबाई बनने की आवश्यकता है। जिस दिन देश के कोने कोने से युवा छत्रपति शिवाजी का जयघोष करने लगेंगे, उस दिन पूर्ण रूप से देश हिंदू राष्ट्र को प्राप्त कर लेगा। सोमवार को नाट्य मंचन देखने वाराणसी के साथ ही मिर्जापुर और भदोही से दर्शक पहुंचे थे।

वीर शिवाजी और पंडित गोगा भट्ट की लगेगी प्रतिमा

जाणता राजा महानाट्य के मंच से उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने ऐलान किया कि वीर शिवाजी का काशी से गहरा नाता रहा है। पंडित गोगा भट्ट ने ही महाराज शिवाजी का राज्याभिषेक कराया था। महापौर जगह उपलब्ध कराते हैं तो वीर शिवाजी महाराज और पंडित गोगा भट्ट की संयुक्त प्रतिमा काशी में लगाने का प्रयास किया जाएगा।