अनुराग कश्यप का कहना है कि युवाओं को फिल्ममेकिंग की शिक्षा देने का उनका सपना अब साकार होने जा रहा है। वह जल्द ही कोट्टयम में युवाओं को पढ़ाएंगे।
अनुराग कश्यप ने गैंग्स ऑफ वासेपुर, कैनेडी, देव-डी और ब्लैक फ्राइडे जैसी फिल्मों के जरिए बतौर निर्माता-निर्देशक अच्छी पहचान बनाई है। अपने काम में वह माहिर हैं। मगर, अब वे एक नई राह पर चलने की तैयारी में हैं। अनुराग कश्यप, निर्देशन और स्क्रीनराइटिंग के बाद अब लोगों को फिल्म मेकिंग की कला भी सिखाते नजर आएंगे। हाल ही में एक मीडिया बातचीत के दौरान अनुराग कश्यप ने कहा कि वे जल्द ही टीचिंग शुरू करेंगे।
अनुराग कश्यप ने बताईं अपनी दो इच्छाएं
हाल ही में एक बातचीत के दौरान अनुराग कश्यप ने अपनी भविष्य की योजनाएं बताईं। जब उनसे सवाल किया गया कि क्या उनके ऐसे कोई व्यक्तिगत लक्ष्य और महत्वाकांक्षाएं हैं, जिन्हें वे पूरा करना चाहते हैं? इस पर अनुराग ने कहा, ‘करना चाहता हूं। इनमे एक तो खूब सारा समय पढ़ने में बिताना चाहता हूं और दूसरा, महत्वाकांक्षी युवाओं को फिल्म मेकिंग सिखाने के लिए इच्छुक हूं’।
साकार होने वाला है सपना
अनुराग कश्यप ने आगे बताया कि युवाओं को फिल्ममेकिंग की शिक्षा देने का उनका सपना अब साकार होने जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘मैं कोट्टयम, केरल में पढ़ाने जा रहा हूं। मैं युवा फिल्म निर्माताओं को प्रशिक्षित करना चाहता हूं’। अनुराग कश्यप ने अपने ड्राइवर और उसके बेटे से जुड़ा एक किस्सा भी साझा किया। निर्देशक ने बताया कि उन्होंने करियर में आगे बढ़ने में अपने ड्राइवर की मदद की और ग्राफिक उपन्यासों में उसकी दिलचस्पी बढ़ाई।
ऐसे की ड्राइवर के बेटे की मदद
अनुराग कश्यप ने कहा, ‘मेरा ड्राइवर मेरे पास आया और बोला, ‘मेरे बेटे का कुछ करो। मेरे ड्राइवर का बेटा काफी पढ़ा-लिखा है। मैंने उसे बुलाया और पूछा, ‘क्या करना है? उसकी दिलचस्पी रचनात्मकता में थी। मैंने उसे ग्राफिक उपन्यास देने शुरू किए। मैंने अपने ड्राइवर से कहा कि बेटे को मेरे पास ही रहने दो’। निर्देशक ने आगे बताया, ‘आज उनका बेटा ग्राफिक नोवेल में इतना दिलचस्पी रखता है और इस तरह के नोवेल पढ़ रहा है, जो आपको भारत में नहीं मिलेंगे। अब वह बिल्कुल अलग दिशा में जा रहा है’। अनुराग कश्यप ने कहा,’मेरे पास जो चीजें हैं, उन्हें मैं लोगों के साथ साझा करना चाहता हूं और कहता हूं, ‘चल आजा तेरे को करप्ट कर