रेलवे में फर्जीवाड़ा सामने आया है। रेलवे बोर्ड में तैनात एक असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर (एएसओ) ने फर्जी मेडिकल बिल के जरिये 15 लाख रुपये का घोटाला किया है। फिलहाल सोनीपत निवासी एएसओ अनुराग को निलंबित कर दिया गया है।
रेलवे बोर्ड के डिप्टी सेक्रेटरी (एडमिन) की शिकायत पर नई दिल्ली जिले के साइबर सेल थाने में धोखाधड़ी, आईटी एक्ट समेत कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। सूत्रों का कहना है कि चार लोगों के नाम पर यह फर्जीवाड़ा किया गया, लेकिन पुराने बिलों की भी जांच की जाएगी। बताया जा रहा है कि घोटाले की रकम अधिक हो सकती है। फिलहाल आराेपी एएसओ कहां है, इसकी जानकारी नहीं है।
पुलिस के अनुसार, गत बुधवार को रेलवे बोर्ड के डिप्टी सेक्रेटरी (एडमिन) सुशील कुमार सिंह की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर के मुताबिक, एएसओ ने केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना के लाभार्थियों के नाम पर फर्जी बिल बनाए। इसके बाद इन बिलों को भुगतान के लिए मंजूरी दे दी। चार बैंक खातों में करीब 15 लाख रुपये भेजे गए। पहला बिल वंदना सोढ़ी 3.91 लाख रुपये बसंत मेमोरियल अस्पताल (रायपुर), दूसरा बिल सुमन चौरसिया 3.42 लाख रुपये चिराग अस्पताल, तीसरा बिल सीता देवी 3.27 लाख रुपये आवाम अस्पताल और चौथा बिल चेतन दास 4.55 लाख रुपये साईं फाउंडेशन अस्पताल के नाम से जारी किया गया है।
रेलवे की आंतरिक जांच में पाया गया कि इस तरह के बिल कभी भुगतान के लिए नहीं आए थे। यह भी पाया गया कि बिल के आधार पर फर्जी नामों से ई-फाइलें खोलकर पे एंड अकाउंट ऑफिस रेलवे बोर्ड, रेल भवन को मंजूरी का आदेश जारी किया गया।
घोटाले का खुलासा होने के बाद से आरोपी फरार
घोटाले के बारे में पता चलने के बाद आरोपी अनुराग फरार हो गया। उसने अपना फोन बंद कर लिया और कार्यालय नहीं आया। रेलवे ने विभागीय कार्रवाई करते हुए उसे आठ नवंबर को निलंबित कर दिया। फिलहाल इस मामले में पुराने रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि यह घोटाला काफी बड़ा हो सकता है। पुलिस ने रेलवे से भी इससे संबंधित कुछ कागजात मांगे हैं।
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