विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद महागठबंधन में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। सत्तारूढ़ एनडीए ने 243 सदस्यीय विधानसभा में 200 से अधिक सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी, जबकि विपक्षी खेमे को भारी नुकसान झेलना पड़ा। अब कांग्रेस और राजद एक-दूसरे को हार का जिम्मेदार ठहराने में जुट गए हैं।
सप्ताह की शुरुआत में विवाद तब गहराया, जब कांग्रेस के कई नेताओं ने दिल्ली में हाईकमान की समीक्षा बैठक के दौरान खुलकर कहा कि पार्टी को राजद से गठबंधन करने की बजाय अकेले चुनाव लड़ना चाहिए था। कांग्रेस विधायक दल के पूर्व नेता शकील अहमद खान ने दावा किया कि पार्टी के 61 उम्मीदवारों में से अधिकांश का मानना है कि राजद के साथ गठबंधन ने कांग्रेस के प्रदर्शन को कमजोर किया। हालांकि 61 उम्मीदवारों में से केवल छह ही चुनाव जीत पाए। खान खुद कदवा सीट से हैट्रिक की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन उन्हें जदयू के दुलाल चंद्र गोस्वामी ने हरा दिया। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, एनडीए के प्रचारित ‘जंगलराज’ वाले नैरेटिव ने राजद ही नहीं, बल्कि पूरे महागठबंधन की छवि पर असर डाला। इसके अलावा, लालू प्रसाद की पार्टी के साथ जुड़ाव ने उन ऊंची जाति के मतदाताओं को भी दूर किया, जो पहले कांग्रेस के समर्थक माने जाते थे।
विधानसभा सत्र से पहले एकता दिखाने की कोशिश…
हालांकि, बढ़ते मतभेदों के बीच महागठबंधन ने एकजुटता का प्रदर्शन भी किया। शनिवार को हुई बैठक में सभी दलों ने सर्वसम्मति से तेजस्वी यादव को अपना नेता चुना। कांग्रेस की ओर से तीन प्रतिनिधि बैठक में मौजूद थे, जबकि उसके चार विधायक दिल्ली में होने के कारण शामिल नहीं हो सके।
कांग्रेस अकेले लड़कर देख ले, औकात पता चल जाएगी : राजद
राजद ने कांग्रेस के आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने कहा, अगर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ना चाहती है तो जरूर लड़े, उसे अपनी औकात पता चल जाएगी। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस को जो भी वोट मिले, वह राजद की वजह से ही हैं। उन्होंने 2020 के चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस 70 सीटों पर लड़कर केवल 19 जीत पाई थी। चुनाव के दौरान सीट-बंटवारे को लेकर भी महागठबंधन में असहमति देखने को मिली थी और लगभग एक दर्जन सीटों पर ‘फ्रेंडली फाइट’ हुई। भाजपा ने इस असमंजस का पूरा फायदा उठाया और अब नए विवाद पर भी टिप्पणी करते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि कांग्रेस और राजद का गठबंधन विचारधारा और उद्देश्यहीन है।
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