बिहार में नई सरकार के गठन के बाद जमीन रजिस्ट्री से होने वाले राजस्व को बढ़ाने की दिशा में तेजी से काम शुरू हो गया है। निबंधन विभाग पूरे राज्य में MVR (मार्केट वैल्यू रेट/न्यूनतम मूल्यांकन पंजी) की समीक्षा कर रहा है। विभाग की कोशिश है कि जनवरी या फरवरी में नया सर्किल रेट लागू कर दिया जाए। इसके लिए सभी वार्डों में जमीन का मूल्यांकन किया जा रहा है और रोजाना रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जा रही है।
2013 के बाद पहली बार बड़े पैमाने पर बदलाव की तैयारी
राज्य में 2013 के बाद से MVR में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है, जबकि कई इलाकों में जमीन की वास्तविक कीमत कई गुना बढ़ चुकी है। अब सरकार मार्केट प्राइस के अनुसार नया सर्किल रेट तय करने की ओर बढ़ रही है, जिससे राजस्व में उल्लेखनीय इजाफे की उम्मीद है।
चार मुख्य मानकों पर तय हो रहा नया MVR
नया सर्किल रेट निम्न चार बिंदुओं के आधार पर तैयार किया जा रहा है—
- बाजार भाव के अनुरूप नया मूल्यांकन
- जहां MVR और मार्केट प्राइस में ज्यादा अंतर है, वहां वास्तविक बाजार दर के आधार पर रेट तय
- भूमि का वर्गीकरण वर्ष 2017 के अनुसार किया जाएगा
- औद्योगिक क्षेत्रों के लिए अलग श्रेणी का निर्धारण
पटना में अंतिम चरण में पहुंचा मूल्यांकन
राजधानी पटना के नगर निगम के सभी 75 वार्डों में जमीन और फ्लैट की कीमतों का पुनर्मूल्यांकन लगभग पूरा हो चुका है। नगर निकाय और ग्रामीण क्षेत्रों की जमीनों की रिपोर्ट भी अंतिम चरण में है।
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