नई दिल्ली. जंतर मंतर पर आपत्तिजनक नारेबाजी और एक समुदाय विशेष के खिलाफ अभद्र भाषा के इस्तेमाल मामले में दिल्ली कोर्ट ने आज सख्ती दिखाई. दरअसल पिंकी चौधरी की अग्रिम जमानत मामले में कोर्ट ने कहा कि हम तालिबानी राज्य में नहीं रहते हैं, कानून भी कुछ है और हम कानून का पालन करने वाले देश में रहते हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने पिंकी चौधरी की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है.
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने मामले में हिंदू सेना नामक एक संगठन के प्रमुख सुशील तिवारी को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने बताया था कि 40 वर्षीय सुशील तिवारी लखनऊ में रहता है और उसे लखनऊ में ही उसके घर से गिरफ्तार किया गया था. तिवारी ने नारों के अलावा कथित तौर पर लोगों को कार्यक्रम के लिए लामबंद किया. तिवारी से पहले दिल्ली पुलिस ने जंतर मंतर पर हुए कार्यक्रम के आयोजक अश्विनी उपाध्याय समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया था. सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील अश्विनी उपाध्याय समेत 6 लोगों से इस मामले में पूछताछ लगातार की जा रही है.
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान ने अश्विनी उपाध्याय के खिलाफ पुलिस में शिकायत करने के बाद ट्वीट करते हुए कहा था कि देश की राजधानी दिल्ली में संसद से कुछ ही दूर पर एक वर्ग को खुलेआम काटने की धमकी देने वाले गुर्गों के खिलाफ पुलिस कमिश्नर को लिखित शिकायत कर एनएसए और यूएपीए के तहत सख्त कार्रवाई की मांग की है. उल्लेखनीय है कि दिल्ली के जंतर मंतर पर भारत छोड़ाे आंदोलन की वर्षगांठ पर अश्विनी उपाध्याय ने जंतर मंतर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया था. कार्यक्रम के दौरान कुछ लोगों ने एक संप्रदाय विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक नारेबाजी की थी और अभद्र भाषा का प्रयोग किया था. जिसके बाद इसका वीडियो वायरल हो गया था और उसी का संज्ञान लेकर दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई की थी.
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