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अटेवा ने अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस के अवसर पर डॉ राम आशीष सिंह जी की स्मृति में पेंशनर्स सम्मान समारोह आयोजित किया

सार             
आज हमें पेंशन मिल रही है तो हमे इसके लिए भी आवाज़ उठानी होगी कि हमारे अनुजों को भी सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन मिले-ए.पी.यादव 
अटेवा के पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन को मिलेगा हमारा सहयोग-पेंशनर्स
  (DDC NEWS AGENCY)अटेवा पेंशन बचाओ मंच के तत्वाधान में अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस के अवसर पर 01 अक्टूबर 2022 को प्रदेश के समस्त जनपदों में  शहीद डॉ राम आशीष सिंह जी की स्मृति में शहीद डॉ0राम आशीष सिंह स्मृति सम्मान के तहत पेंशनर्स सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इसी क्रम में लखनऊ जनपद में पेंशनर्स सम्मान कार्यक्रम का आयोजन कृषि विभाग निदेशालय में मनाया गया। उक्त सम्मान समारोह के आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज के सामने इस बात को लाना है कि पुरानी पेंशन का क्या महत्व है? और जो लोग नई पेंशन से सेवानिवृत्त हुए हैं उनको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ए.पी यादव, महाराजदीन चौधरी  विजय शंकर सिंह,प्रेमचंद,डॉ सुरेशपति त्रिपाठी ,कैलाश यादव ,अमरीश यादव,मीना मिश्रा, देवेंद्र कुमार द्विवेदी, राम दुलारे,धरम देव,राम दुलारे, दधीचि राय, एहरा रुज्जुमा,राम अभिलाष तिवारी,का सम्मान किया गया। 
 पेंशनर्स सम्मान समारोह में अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि हम सभी समान है नयी पेंशन व्यवस्था ने हमारे बीच विभेद पैदा कर दिया है, जो सरासर अन्याय है। इसके खिलाफ लड़ना पड़ेगा। ए.पी. यादव जी ने कहा आज हमें पेंशन प्राप्त हो रही है हम सौभाग्यशाली हैं लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है, हमारे अग्रजों को भी पेंशन मिले इसके लिए हमे मिलकर लड़ना होगा तभी कुछ बात बनेगी। 
 सम्मान समारोह में सुधा उपाध्याय जी व राम अभिलाष तिवारी नयी पेंशन से सेवानिवृत्त हुए। राम अभिलाष का दर्द झलक आया जब उन्होंने बताया कि उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन मात्र 750 रुपये मिलता है तो मन करता है कि बेहतर होता कि हमें सरकार गोली मार देती। न इसमें हमारा गुजारा हो पाता है न ही हम किसी को बता पाते हैं कि हम पेंशनर्स हैं।
     अपना दर्द बताते हुए सुधा उपाध्याय जी रो पड़ती हैं कि हमे नयी पेंशन व्यवस्था के अंतर्गत हमे मात्र 600 रुपये पेंशन हम उसका क्या करें?? जबकि हमारा इलाज ही महीने का 7000 रुपये है हमे लीवर की समस्या है। वो तो अच्छा है हमारे पति को पेंशन मिलती है अन्यथा हम आज भीख माँगने को मजबूर होते।
   कार्यक्रम का संपादन अटेवा के जिला संयोजक सुनील वर्मा के कुशल संचालन में पूर्ण हुआ।  कार्यक्रम में कर्मचारी संगठनों के कर्मचारी नेताओ वाणिज्य कर विभाग के महामंत्री जे0पी0मौर्य, स्वास्थ्य विभाग के अध्यक्ष संजय रावत, उ0प्र0आवास विकास डिप्लोमा इंजीनियर संघ के मो0रिजवान, लुआकटा के अध्यक्ष डॉ मनोज पाण्डेय, महामन्त्री अंशू केडिया, कृषि विभाग के हेमंत खड़का,लखनऊ विकास प्राधिकरण से आनन्द मिश्रा ने कहा अटेवा कर्मचारियों के हित की लड़ाई लड़ रहा है। यह पीढ़ियों की लड़ाई है इसलिए हम सभी अटेवा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पुरानी पेन्शन की बहाली तक संघर्ष करेंगे। 
      कार्यक्रम में अटेवा के प्रदेश महामंत्री व NMOPS के राष्ट्रीय  सचिव डॉ0नीरजपति त्रिपाठी  ने पेंशनरों को सम्मानित करते हुए कहा कि अटेवा शिक्षकों व कर्मचारियों की बुढ़ापे की सामाजिक सुरक्षा पुरानी पेंशन की लड़ाई लड़ रहा है क्योंकि पुरानी पेंशन ही बुढ़ापे का सम्मान है। आज जो कर्मचारी व शिक्षक पुरानी पेंशन पा रहे है वह सम्मानित जीवन गुजार रहे हैं।

विशिष्ट अतिथि अटेवा के प्रदेश मीडिया प्रभारी व NMOPS के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ0राजेश कुमार ने कहा कि अटेवा अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रीय वृद्ध दिवस के अवसर पर सभी पेंशनरों का सम्मान करता है और सरकार से मांग करता है कि सरकार NPS को समाप्त कर पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करें क्योंकि आज जो शिक्षक व कर्मचारी NPS से रिटायर हो रहे है वह दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। 600 से 800 रुपये पेंशन मिलने के कारण उनका गुजारा करना मुश्किल हो गया है।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रदेश मंत्री डॉ0रमेश चंद्र त्रिपाठी, प्रदेश कोषाध्यक्ष विक्रमादित्य मौर्य, प्रदेश संगठन मंत्री रजत प्रहरी, प्रदेश संगठन मंत्री रवींद्र वर्मा, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नरेंद्र यादव,पंकज गुप्ता, दयाशंकर, डॉ0उमाशंकर, नरेंद्र कुमार वर्मा, हरे गोविंद, विवेक गुप्ता धीरेंद्र शुक्ला, मनोज कुमार, मिथुन वर्मा, विजय कुमार, सुरेश कुमार, ललित कुमार, दीपक यादव, सुरेंद्र नाथ, कुलदीप कुमार, राम सजीवन पाल, संगीता सहित बड़ी संख्या में शिक्षक कर्मचारी उपस्थित रहे।